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हिमाचल में कोरोना की दूसरी लहर ने चिंता बढ़ा दी है। एक दिन में 32 लोगों की मौत से यह चिंता और ज्यादा बढ़ी है, वहीं संक्रमितों की संख्या भी बढ़ चुकी है। अब कोविड से लड़ने के लिए पैसों की जरूरत है। इसलिए समाज के हर वर्ग को आगे आना बेहद जरूरी है। इस कठिन दौर में सरकार ने सभी से आह्वान किया है कि वह मदद करें।
कोरोना की दूसरी लहर से जूझने के लिए एक बार फिर से सरकार कोरोना सोलिडेरिटी फंड जुटाने में जुट गई है। इस फंड में कितना पैसा आया, कितना पैसा यहां से खर्च किया गया और कहां-कहां पर खर्च हुआ, इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। प्रदेश का डिजास्टर मैनेजमेंट विंग इस सूचना को जुटाने में लगा है, जिसने जिलाधीशों से इसकी जानकारी मांगी है। जानकारी के अनुसार सोमवार को सभी उपायुक्तों को इस संबंध में कहा गया है कि वे अपने यहां पर खर्च हुई राशि का ब्यौरा दें।
साथ ही यह भी बताएं कि उनके पास कितना पैसा बचा है। क्योंकि डिजास्टर मैनेजमेंट की तरफ से कोविड फंड से पैसा जिलों को दिया गया था। पिछले साल पहली लहर में यह पैसा दिया गया जिसके खर्च का ब्यौरा स्टेट हैडक्वार्टर को नहीं मिला। अब क्योंकि दोबारा से कोविड फंड का इस्तेमाल शुरू हो गया है और इसमें धनराशि जुटाने का दौर भी चला है। ऐसे में कितना पैसा अनस्पेंड है, इसकी जानकारी ली जा रही है। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। सीएम जयराम ठाकुर ने इस फंड के उपयोग से संबंधित जानकारी मांगी है। बताया जा रहा है कि सभी जिलों से मंगलवार को इसकी रिपोर्ट आएगी, जिससे सीएम को अवगत कराया जाएगा।
हाल ही में कोविड फंड जुटाने के लिए सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। इसमें मंत्रियों की एक महीने की सैलरी इसमें डाली जा रही है, वहीं अधिकारियों का दो दिन का वेतन, कर्मचारियों का एक दिन का वेतन व पेंशनर्ज की एक दिन की पेंशन इसमें डाली जाएगी। इसके बाद कितना पैसा एकत्र होगा, यह देखा जाएगा और फिर आगे दूसरे वर्गों से इसमें सहायता जुटाई जाएगी। पूरा आंकड़ा एकत्र करने के बाद प्रदेश सरकार आगे कदम उठाएगी।कोविड फंड में कितना पैसा है, यह जानकारी एक-दो दिन में सामने आ जाएगी। सभी जिलों को तुरंत सूचना भेजने को कहा गया है।
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