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कोरोना संकट के दोरान अब प्रदेश में सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को अब कोविड -19 के दौरान एमर्जेंसी ड्यूटी देनी होगी। यानी अब शिक्षक कोविड के होमआइसोलेट मरीजों पर नजर रखेंगे। अगर स्वास्थ्य विभाग शिक्षकों की ड्यूटी लगाते है, तो उन्हें इनका पालन करना होगा। इसी के साथ कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में भी अब शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा सकती है।
ऐसे में अगर महामारी के इस दौर में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है, तो गंभीरता से उन्हें इसका पालन करना होगा। शिक्षा सचिव की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना में साफ कहा गया है कि राज्य में पहली मई तक शिक्षण संस्थान बंद है।
ऐसे में अगर शिक्षण संस्थानों के स्टाफ, जिसमें शिक्षकों को अनिवार्यता तौर पर कोविड की ड्यूटी देने को कहा गया है। बता दें कि पिछले साल भी कोविड में शिक्षकों की ड्यूटियां लगाई गई थीं।
कई बार शिक्षकों ने इन ड्यूटियों का विरोध भी किया। अब जब दूसरी बार शिक्षकों की कोविड की ड्यूटी लगाई गई, तो ऐसे में शिक्षकों ने समर्थन किया है। महामारी के दौर में करीब 80 हजार शिक्षक स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करेंगे। (एचडीएम)
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