बेरोजगार व्यक्ति वर्ष 2021-22 के लिए मनरेगा के अंतर्गत अपनी व्यक्तिगत भूमि पर काम करने का इच्छुक है तो उसे मनरेगा के तहत काम करने की अनुमति दी जा सकती है
News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अब मनरेगा कामगारों को कार्यस्थल पर हाथ धोने के लिए साबुन भी मिलेगा। इसकी व्यवस्था संबंधित ग्राम पंचायतें करेंगी। साबुन के बिल की अदायगी मनरेगा के प्रशासनिक व्यय से की जा सकेगी। कार्यस्थल पर मास्क के साथ छह फीट की दूरी भी सुनिश्चित की जाएगी। सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मनरेगा के कार्य करवाए जा सकेंगे। हिमाचल प्रदेश ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक एवं आयुक्त (मनरेगा) ललित जैन ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जिन पंचायतों में सीमेंट की उपलब्धता है, वहां सामग्री से संबंधित कार्य कोविड-19 प्रोटाकाल के अंतर्गत सावधानियों का पालन करते हुए किए जा सकते हैं। मनरेगा के काम केवल उन्हीं क्षेत्रों में हो सकते हैं, जहां कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित नहीं किए गए हों। किसी क्षेत्र में मनरेगा का काम चल रहा है और उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है तो वहां कार्य तुरंत बंद करना होगा।
वही जारी एडवाइजरी के अनुसार अगर कोई बेरोजगार व्यक्ति वर्ष 2021-22 के लिए मनरेगा के अंतर्गत अपनी व्यक्तिगत भूमि पर काम करने का इच्छुक है तो उसे मनरेगा के तहत वर्ष 2021-22 में काम करने की अनुमति दी जा सकती है। चाहे वह कार्य ग्राम पंचायत की ओर से अनुमोदित कार्यों की सूची में शामिल न हो। संबंधित खंड विकास अधिकारी इन कार्यों की अनुमति देगा। इनकी कार्योत्तर स्वीकृति मनरेगा दिशा-निर्देशों के अनुसार ली जा सकेगी।
इसकी सूचना मनरेगा कामगार को भी देनी होगी। इधर, ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी एवं उपनिदेशक केडीएस कंवर ने कहा कि निदेशालय से मनरेगा स्कीम को लेकर विशेष दिशा-निर्देश जारी हुए हैं। मनरेगा स्कीम में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य है।
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