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सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि कोरोना के इस समय में यदि कोई कालाबाजारी करता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर कालाबाजारी की कोई गुंजाइश नहीं है और कोई करता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। आईजीएमसी के निरीक्षण के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में सीएम ने कहा कि यहां पर नई ओपीडी में लगभग 500 कोविड मरीजों को रखने की क्षमता होगी।
उन्होंने कहा कि ट्रॉमा वार्ड का कार्य भी पूरा होने वाला है और विपरीत परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल भी कोविड मरीजों के इलाज के लिए किया जा सकता है। जयराम ठाकुर ने लोगों से राज्य में इस महामारी से लड़ने के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों को राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में टीकाकरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।
राज्य को वैक्सीन निर्माताओं से दवाई का कोटा प्राप्त होते ही 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के चरण की शुरूआत की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीएमसी शिमला के निकट स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत 32 करोड़ रुपए की लागत से बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस पार्किंग में लगभग 500 वाहनों को पार्क करने की क्षमता होगी और इसकी क्षमता 800 वाहनों तक बढ़ाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस स्मार्ट कार पार्किंग से न केवल मरीजों और उनके सहायकों, बल्कि चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी पर्याप्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सहजल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी, आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डा. रजनीश पठानिया, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
बेड, ऑक्सीजन, पीपीई किट की कमी नहीं
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। इसके तहत कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। पब्लिक व निजी ट्रांसपोर्ट को बंद रखा गया है। आवश्यक काम से जाना हो, तभी प्राइवेट गाड़ी चल सकेगी। वहीं, मार्केट खोलने के लिए तीन घंटे का समय तय किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में किसी भी प्रकार के बेड, ऑक्सीजन पीपीई किट व मास्क की कमी नहीं है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि कोरोना पॉजिटिव जिस भी व्यक्ति को अस्पताल में दाखिल करने की जरूरत पड़ रही है, उसे बेड न होने के कारण वापस नहीं भेजा जा रहा है।
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