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November 23, 2024

स्वास्थ्य खंड के 4 डॉक्टर पॉजिटिव, तो 3 अन्य जगह डिफ्यूट

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)

उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद संगड़ाह अस्पताल में इन दिनों एमबीबीएस डॉक्टर की कमी के चलते आयुर्वेदिक चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सीएससी में चार की बजाय केवल 2 डॉक्टर मौजूद है, जिनमें से एक के छुट्टी पर होने के चलते अब एकमात्र एमबीबीएस डॉक्टर को उपलब्ध है। यहां दिन के समय ओपीडी के लिए जहां आरबीएस अथवा स्कूल हेल्थ परियोजना के तहत नियुक्त आयुर्वेदिक डॉक्टर जितेंद्र को प्रतिनियुक्त किया गया है, वहीं रात के 12 घंटे डॉ अनुप्रिया ड्यूटी कर रही हैं। नियमानुसार हालांकि किसी कर्मचारी से 8 घंटे से ज्यादा ड्यूटी नहीं ली जा सकती, मगर यहां कोरोना काल के बावजूद प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।

स्वास्थय खंड में वर्तमान में 270 से ज्यादा होम आइसोलेटेड कोविड मरीजों के इलाज के लिए गठित 3 सर्विलांस टीम के 2 डॉक्टर के छुट्टी पर होने के चलते उक्त कोरोना मरीजों का जिम्मा भी अब संगड़ाह में ओपीडी देख रहे आयुर्वेदिक डॉ जितेंद्र ही संभाल रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र में कोरोना मरीजों के प्रति विभाग व हिमाचल सरकार की लापरवाही साफ दिखती है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य खंड की सीएचसी नौहराधार व पीएचसी बोगधार के 4 एमबीबीएस डॉक्टर जहां कोविड पॉजिटिव है, वहीं तीन को कोविड सेंटर्स मे प्रतिनियुक्त किया गया है तथा गत्ताधार व कोटीधिमान पीएचसी मे एक भी डॉक्टर नही है।

स्वास्थ्य खंड में मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां 3 माह से 108 एंबुलेंस बंद पड़ी है और तीन साल से एक्सरे नही हो रहे हैं। एसडीएम डॉ विक्रम नेगी के अनुसार कोरोना मरीजों के लिए एक निजी गाड़ी हायर एंबुलेंस की व्यवस्था की जा चुकी है। गौरतलब है कि, स्वास्थय खंड के सबसे ज्यादा ओपीडी वाले संगड़ाह अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों को एमएलसी तथा कोविड मरीजों के इलाज का काम भी देखना पड़ रहा है।

करीब 90 हजार की आबादी वाले स्वास्थ्य खंड के कोरोना मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें आक्सिजन बेड देने के लिए संगड़ाह अस्पताल लाया जाता है तथा ब्लॉक में केवल इसी संस्थान में ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है। कार्यवाहक बीएमओ संगड़ाह ने कृष्णा भटनागर के अनुसार स्वास्थ्य खंड में खाली पड़े कर्मचारियों के पदों को लेकर उच्च अधिकारियों से बात की जा चुकी है तथा इस बारे समय-समय पर विभाग को भी रिपोर्ट भी भेजी जाती है।

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