नदी के निर्धारित क्षेत्र के अंदर कोई प्रोजेक्ट लगा होगा तो सारी मशीनरी सीज की जाएगी- अपर यमुना रिवर
News portals-सबकी खबर (शिलाई)
राष्ट्रीय राज मार्ग 707 पर मिनस के समीप सडक निर्माण कार्य कर रही कंपनी ने अवैध तोर पर बनाये गए डंपयार्ड में भले ही मलबा डंप करना बंद कर दिया हो लेकिन कम्पनी की मुश्क्किले कम होती नजर नही आ रही है रेणुका वन मंडल अधिकारी ने जहाँ एनएचएआई को पत्र लिखा है वहीं अपर यमुना बोर्ड सख्त कार्यवाही करने की फ़िराक में नजर आ रहा है!
पखवाड़े से राष्टीय राजमर्ग 707 को खुला कर रही कमनी ने वन परिक्षेत्र को माध्यम बना कर हजारों घन मीटर मलबा नदी में डंप किया है मामला मीडिया में आने के बाद वन बिभाग ने पचास हजार जुर्माना वसूलने की बात कही है वही एनएचएआई को पत्र लिखकर अवगत करवाया है दूसरी तरफ मामले में अपर यमुना रिवर बोर्ड ने सख्त रवैया अपनाते हुए कार्यालय को जाँच के आदेश जारी किये है!
अपर यमुना रिवर बोर्ड कि माने तो यमुना नदी, गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है तथा टोंस नदी यमुना की सहायक नदी है जो हिमाचल व उतराखांड के पहाड़ों से दर्जनों छोटे, बड़े सहायक नालो से मिलकर बनीं है पहाड़ों में अधिकांश जगह नदी, नालो में मलबा डंप किया जाता है जिसकी बजह से बरसात का मौसम आते ही दुन् क्षेत्रो में बाड के हालात पैदा होने से हजारों लोग प्रभावित होते है, नदी में मलबा डालने से दर्जनों जलचर जीवों की प्रजातीय प्रभावित होती है, कई जलचर प्रजातीयां लुप्त होने की कगार पर आ गई है नदी के साथ लगता क्षेत्र भले ही निजी हो, जहाँ तक नदी का क्षेत्र व नदी के दोनो छोर से 100 मीटर ऊपर तक बोर्ड के नियम लागु रहते है निर्धारित क्षेत्र के अंदर स्थायी व अस्थाई तोर पर प्रोजेक्ट बनाने की अनुमति नहीं होती है!
राष्ट्रिय राजमार्ग 707 के साथ लगते नदी, नालों वाले परिसर में मलवा डालने की रिपोर्ट मौका पर हुई कटिंग वाले क्षेत्र के आधार पर की जाएगी, जिसमे केन्द्र बिन्दु से लगभग 100 मीटर तक दोनों छोर प्रभावित रहेंगे, यदि नदी के निर्धारित क्षेत्र के अंदर कोई प्रोजेक्ट लगा होगा तो सारी मशीनरी सीज की जाएगी, कार्यरत क्षेत्राधिकारियों को कार्यवाही के अंदर तलब किया जाएगा, प्रोजेक्ट के लिए अनापत्ति पत्र देने वाले अधिकारीयों के साथ क्षेत्रीय कानूनगों, हल्का पटवारी व एनएचएआई की टीम जाँच के घेरे में रहेगी!
अपर यमुना रिवर बोर्ड कार्यालय, चेयरमैन खुशविंदर वोहरा बताते है कि मामला गम्भीर है इसलिए सम्बन्धित कार्यालय को त्वरित कार्यवाही के आदेश दिए जा रहे, वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण थोड़ी परेशानियां है इसलिए 10 जून के बाद टीम गठित करके मोका का निरिक्षण करने के लिए भेजी जाएगी नियम तोड़ने वाली कम्पनी व विभाग दोनों पर कार्यवाही होना तय है!
वन मण्डल अधिकारी श्रेष्ठआंनद बताते है कि नियमों का हवाला देते हुए दो माहं तक मिनस में लग रहे कम्पनी के अस्थाई क्रेशर को रोके रखा, जब हल्का पटवारी व सम्बन्धित अधिकारियों ने निजी भूमि का हवाला देकर अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिए तो वह मामले पर अधिक कार्यवाही करने में असमर्थ रहे, वन परिक्षेत्र के माध्यम से टोंस नदी में डाले गए मलवे से वन विभाग को हुए नुक्सान को देखते हुए कंस्ट्रक्शन कम्पनी से लगभग 50 हजार रूपये का जुर्माना वसूला गया है साथ ही एनएचएआई को नोटिक किया गया है यदि फिर से कम्पनी क्षेत्र में ,मलवा डम्प करती है तो एनएचएआई के खिलाफ नियमानुसार चार्जशीट दर्ज की जाएगी !
धत्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी मैनेजर नरेंद्र धत्रवाल ने मामले पर बताया कि वह क्षेत्र से बाहर थे इसलिए मलवा कहाँ डाला जा रहा है इसकी उन्हें सूचना नही थी, पता चलते ही सड़क से निकल रहे मलवे को बैतरतीव फैकने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है इसके अतिरिक्त उनके कार्य साफसुथरे है तथा सरकारी नियमों के अनुसार ही सभी कार्य हो रहे है। क्षेत्र का विकास करना उनका लक्ष्य है न कि विनाश करना है वह क्षेत्र वासियों को विश्वास दिलाते है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का कार्य नियमानुसार किया जाएगा तथा अच्छी सडक क्षेत्रवासियों को बनाकर दी जाएगी।
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