News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
हिमाचल के प्रमुख आस्था स्थल चूड़़धार के रास्ते अथवा वन्य प्राणी क्षेत्र मे अवैध रूप से चल रहे ढाबों तथा यहां लगने वाले पर्यटकों के टेंटो को वन्य प्राणी विभाग द्वारा बंद करवा दिया गया है। विभाग के डीएफओ शिमला कृष्ण कुमार ने शिकायत मिलने के बाद आरओ को तत्काल वन्य प्राणी क्षेत्र मे रात्री गैरकानूनी रात्री ठहराव तथा ढाबे बंद करवाने के आदेश जारी किए। गौरतलब है कि, गत माह से हजारों पर्यटक व श्रदालु चूड़धार की यात्रा पर पंहुच रहे है। विभाग ने ढाबा मालिकों को सख्त निर्देश दिए कि, यदि ढाबों खुले पाए गए, तो सख्त कानुनी कार्यवही होगी। ढाबे व टेंट बंद होने से श्रदालुओं व पर्यटकों को अब कईं समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। नौहराधार के रास्ते मे जमनाला व तीसरी में करीब पांच से छह अस्थाई ढाबे थे, जहां पर श्रदालुओं को चाय पान खाने पीने की भरपूर सुविधा मिलती थी। कोरोना एसओपी के चलते प्रशासन द्वारा मंदिर मे मौजूद चूड़ेश्वर सेवा समिति की सराय को पहले ही बंद करवा दिया है।
एसडीएम चौपाल के आदेशानुसार मंदिर परिसर में केवल सुबह 7 बजे से शाम चार बजे तक ही मंदिर में दर्शन के लिए लोग आ सकते है। रास्ता लंबा होने व चढ़ाई के चलते मैदानी क्षेत्रों से आने वाले श्रधालु व सैलानी नौहराधार से चूड़धार की दूरी इस अवधि मे तय नही कर सकते, इसलिए श्रदालु इन अस्थाई ढाबों या जंगल मे टेंट लगाकर रात रहते थे। वन्य प्राणी विभाग व प्रसाशन द्वारा अब टेंट लगाना भी बंद करवा दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार यहां लगने वाले टेंट तथा ढाबों से दर्जनों स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा था, कुछ लोगों ने इस बार भारी संख्या मे श्रधालुओं के पंहुचने से ठीक ठाक कमाई की। ढाबे व टेंट बंद होने से पर्यटकों व श्रदालुओं को कईं कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है और यदि कोई ठंड से बीमार हो जाता है, तो उसे कोई मदद नही मिलेगी।सोमवार को कांगड़ा का एक युवक भारी बारिश व ठंड से बीमार हो गया था फिर ढाबे वाले ने उक्त व्यक्ति की जान बचाई। अस्थाई ढाबा मालिक कमलराज, माया राम पुंडीर, कपिल पुंडीर व अमर सिंह आदि ने बताया कि, वन्य प्राणी विभाग ने उनके अस्थाई ढाबे को बंद करवा दिया है।
उन्होने कहा की, ढाबों व टेंट से रोजगार के साथ साथ श्रदालुओं व पर्यटकों को सुविधा भी मिल रही थी। चूड़ेश्वर सेवा समिति जॉन नौहराधार अध्यक्ष जोगेंद्र चौहान ने कहा कि, श्रदालुओं की सुविधा के लिए समिति उचित कदम उठाएगी। उन्होने कहा कि, अस्थाई ढाबे को बंद करने संबंधी मामला वन्य प्राणी विभाग के क्षेत्राधिकार मे आता है। वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ शिमला कृष्ण कुमार तथा वन रक्षक दलीप सिंह ने बताया कि, वन्यप्राणी क्षेत्र चूड़धार मे चलने वाले सभी ढाबे बंद करवा दिए गए हैं तथा सोमवार व मंगलवार को यहां टेंट भी हटाए गए। डीएफओ कृष्ण कुमार ने कहा कि, प्राणी क्षेत्र मे व्यवसायिक गतिविधियों का आयोजन, रात्री ठहराव व आग जलाना जैसी एक्टिविटी गैरकानूनी है।
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