News portals-सबकी खबर (संगड़ाह )
नागरिक उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले दर्जन भर गांव में पिछले पौने 3 माह से एचआरटीसी की बस सेवा बंद है। इनमें से अधिकतर गांव ऐसे हैं, जिनमें केवल एक एक ही बस चलती थी। परिवहन निगम के नाहन डिपो की लोकल बस को 7, मई से अब तक दोबारा निर्धारित रूट पर न भेजे जाने से गांव कशलोग, भावण, शियाघाटी, अरट व टिकरी की जनता बस सेवा पूरी महरू है, क्योंकि यहां एक एक ही बस चलती थी। संगड़ाह-चंडीगढ़ बस भी कोरोना कर्फ्यू के बाद से दोबारा शुरू नही हुई, जबकि देवना-थनगा बस भी अब संगड़ाह से सीधी नाहन नही जाएगी। इसके अलावा सोलन डिपो की संगड़ाह-राजगढ़ बस जहां करीब 30 किलोमीटर पीछे पिड़ियाघर तक चल रही है, वहीं राजगढ़-रेणुकाजी बस भी संगड़ाह से 26 किलोमीटर आगे ददाहू नहीं जा रही है।
विकास खंड संगड़ाह के पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार तथा परिवहन विभाग से जल्द उक्त चारों बसों को पूर्व निर्धारित रूट पर भेजने अथवा वैकल्पिक व्यवस्था की मांग राज्य सरकार व परिवहन मंत्री से की। पंचायत प्रतिनिधियों ने क्षेत्र के बेरोजगारों को बिना बस वाली सड़कों पर जल्द मैक्सी कैब अथवा छोटी गाड़ियों के परमिट जारी करने की मांग की। उन्होने कहा कि, लंबे अरसे से इस इलाके मे कोई भी निजी बस घाटे मे नही गई और ऐसे मे एचआरटीसी को भ्रष्टाचार को लेकर भी जांच करवानी चाहिए। बसें बंद होने के बाद से कुछ सड़कों पर हालांकि बिना टैक्सी परमिट की गाड़ियां वर्तमान में चल रही है, मगर इन गाड़ियों के मालिकों द्वारा न केवल बस किराए से कईं गुना ज्यादा भाड़ा लिया जा रहा है, बल्कि इससे वाहन हादसों का भी अंदेशा बढ़ गया है। बुधवार सांय क्षेत्र के गेहल गांव में ऐसी ही एक महिंद्रा मैक्स दुर्घटनाग्रस्त होने से जहां एक महिला की जान गई, वहीं 9 लोग घायल हो गए। गौरतलब है कि, करीब 85 हजार की आबादी वाले विकास खंड संगड़ाह में एचआरटीसी की मात्र डेढ़ दर्जन बसें चलती है और निजी बसें भी केवल दो दर्जन के करीब है। बसों की भारी कमी के चलते यहां ओवरलोडिंग की समस्या आम बात है। बिना टेक्सी परमिट के वाहनों मे यात्रा के दौरान हर साल कईं लोग हादसों मे जाने भी गंवा रहे हैं।
एचआरटीसी के आरएम नाहन से इस बारे बात नहीं हो सकी तथा अड्डा प्रभारी सुखराम ने बताया कि, लोकल बस को संभवत स्कूल व कॉलेज नियमित रूप से खुलने के बाद ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, हरिपुरधार-संगड़ाह-चंडीगढ़ सहित कुछ अन्य बसे कोरोना कर्फ्यू के बाद से दोबारा शुरू नही की जा सकी है। निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक सोलन शुगल सिंह ने कहा कि, बस अड्डा राजगढ़ से चलने वाली 35 में से 30 बसें घाटे में चल और इनमें से कुछ की कमाई तो मात्र 10 से ₹12 प्रति किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि, हालांकि राजगढ़-संगड़ाह-रेणुकाजी बस ज्यादा घाटे में नहीं है, मगर आरएम नाहन से बात कर इसकी सवारियों को इसके बाद संगड़ाह से चलने वाली सोलन बस से रेणुकाजी भेजने की व्यवस्था की गई है।
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