News portals-सबकी खबर (किनोर )
निगुलसरी का हादसा हालांकि कुदरत का बहुत कहर मानवता पर बरसा है, पर मानव की सतर्कता और पहाड़ी क्षेत्रों की संवेदनशीलता को समझा जाता, तो नुकसान न उठाना पड़ता। बताया जा रहा है शायद इतने वाहन इस मलबे की चपेट में न आते, मानव की जिद के कारण इतना बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसे से पहले घटनास्थल पर जाम लग गया था, इस कारण वहां पांच से छह वाहन एक जगह खड़े थे। दरअसल मार्ग तंग होने के कारण वाहनों को पास देने को लेकर दो ड्राइवरों के बीच मामूली कहासुनी हो गई। मौके पर दोनों चालकों में से कोई भी वाहन हटाने के लिए तैयार नहीं था।
इसी बीच जाम लग गया व पहाड़ी के ठीक नीचे खड़े वाहन पल भर में दरके मलबे की चपेट में आ गए। बताया जा रहा है इन वाहनों के अलावा भी वाहन खड़े थे, जो भू-स्खलन होता देख तुरंत बचाव करते हुए पीछे हट गए। किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी का भी कहना है कि लोग बता रहे हैं कि इस जगह पर दो छोटी गाडिय़ों में पासिंग को लेकर विवाद हुआ था, जिससे यहां पर जाम लगा था। चट्टानें खिसक रही थीं और इसी दौरान पहाड़ टूटा तथा हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस सहित वहां खड़ी गाडिय़ां मलबे की चपेट में आ गईं। गाडिय़ों व लोगों को भागने का समय ही नहीं मिला।
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