News portals-सबकी खबर (सोलन )
हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक नया आविष्कार किया है जिसमे अब चीड़ की पत्तियों वाले ईंधन से वाहन चलेंगे। इस विकल्प से पेट्रोल-डीजल की निर्भरता कम हो जाएगी। ईंधन को लेकर पेट्रो पदार्थों के लगातार दोहन और बढ़ती कीमतें जहां चिंता का विषय बनी हुई है, वहीं दुनिया भर में इसके वैकल्पिक स्त्रोत को लेकर शोध जारी है। नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने चीड़ की पत्तियों से ऐसा ईंधन तैयार करने में सफलता प्राप्त की है। चीड़ की पत्तियों से निकले ईंधन से गाडिय़ां दौड़ेगी, जिसका नौणी विवि के वैज्ञानिकों ने सफल प्रशिक्षण कर लिया है। विशेष माइक्रोब के इस्तेमाल से चीड़ की पत्तियों से ईंधन तैयार किया जा रहा है।
ईंधन को पेट्रो पदार्थों के साथ मिश्रित कर वाहनों में प्रयोग किया जाएगा। कोविड के बीच इस परियोजना की प्रगति पर असर पड़ा है। बावजूद इसके जीबीपंत राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक द्वारा इस प्रोजेक्ट में किए जा रहे कार्य का सरहाना की है। परियोजना के अंतिम वर्ष में इस नवीन प्रौद्योगिकी को सफलता पूर्वक उद्योग में स्थानांतरित करने के लिए वित्त पोषण एजेंसी के साथ प्रौद्योगिकी के सत्यापन पर कार्य किया जा रहा है। भविष्य में चीड़ की पेड़ों से गिरी हुई पत्तियां भी परेशानी नहीं बनेगी, अपितु ईंधन बनाने के लिए प्रयोग होगा। नौणी विश्वविद्यालय के बेसिक साइंस विभाग के वैज्ञानिक पिछले करीब दो वर्षों से इस विषय पर अनुसंधान कर रहे है। (एचडीएम)
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