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हिमाचल की 294 पंचायतें पंचायत भवनों के लिए जमीन नहीं तलाश पाई है। पंचायत भवन के लिए कम से कम सात बिस्वा जमीन होना अनिवार्य है। पहले चरण में प्रत्येक पंचायत भवन को सरकार 33 लाख रुपये तीन किस्तों में जारी करेगी। पंचायत भवन का पहले चरण में एक फ्लोर बनाने के निर्देश जारी किए हैं ताकि पंचायतों का कामकाज सुचारु रूप से चलाया जा सके।
बता दे कि प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव से पहले कुल 412 नई पंचायतों का गठन किया गया था। इन पंचायतों का मुख्यालय तक निर्धारित कर रखा है लेकिन इनमें से अभी तक अधिकांश पंचायतें जमीन नही तलाश सकी हैं। इन पंचायतों के पास अपनी जमीन नहीं है और वन भूमि पर पंचायत घरों का निर्माण नहीं किया जा सकता। नए पंचायत घरों के लिए निर्माण का काम लंबित पड़ा है।
पंचायत घरों के निर्माण के लिए सरकार पहले चरण में 33-33 लाख रुपये की राशि रखी है। यह राशि पंचायत घरों का निर्माण कराने वाले अधिशासी अभियंताओं के माध्यम से खर्च किया जाएगा। यह राशि 11-11 लाख की तीन बराबर किस्तों में दी जानी है। पहले किस्त के तहत किए काम का सर्टिफिकेट जारी होने के बाद दूसरी और तीसरी किस्त जारी होगी।
बताया जा रहा है कि यह राशि भवन के एक मंजिल के निर्माण पर व्यय होगी। इसमें पंचायत का दफ्तर, प्रधान, उप प्रधान, सचिव का दफ्तर भी बनेगा। इसके साथ ही स्टाफ कमरे, कामन सर्विस सेंटर और शौचालय भी बनने हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहते हैं कि अभी सिर्फ 294 नई पंचायतें जमीन नहीं तलाश पाई हैं। जैसे की ये पंचायतें जमीन तलाशेंगी तो उनको भी सरकार पंचायत भवन बनाने को धनराशि जारी कर देगी।
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