News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
लोक निर्माण विभाग मंडल संगड़ाह के अंतर्गत 3 करोड़ 28 लाख की लागत से निर्माणाधीन जंदरायण-सनग मार्ग के बीचो-बीच बनाए गए कच्चे मकान अथवा अवैध ढारे को हटाने में विभाग की टीम दूसरी बार भी नाकाम रही। दल बल के साथ जेसीबी लेकर कब्जा हटाने गई विभाग की टीम को उल्टे पांव लौटाने वाले कब्जाधारक को अधिशासी अभियंता संगड़ाह द्वारा अब सोमवार को उनके ऑफिस में बुलाया गया है तथा इस सड़क से लाभान्वित होने वाले ग्रामीणों को भी आने को कहा है। चतर सिंह, सुरेश, रामानंद, नेत्र सिंह व दुर्गा दत्त आदि ग्रामीणों ने बताया कि, शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग के एसडीओ तथा थाना प्रभारी संगड़ाह की टीम नाबार्ड के तहत बन रही सड़क पर किए गए अतिक्रमण को हटाने दूसरी बार पहुंची, मगर बिना अवैध ढांचा हटाए लौट आई। इस बारे सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर चुके ग्रामीणों ने उक्त कब्जा न हटने की सूरत में जिम्मेदार अफसरों से 3.28 करोड़ की राशि की वसूली की मांग सरकार से की।
बता दे कि, जंद्रायण, मानल-दोची, अंधेरी, सनद, घाटों व कोलवा आदि गांव को सड़क सुविधा उपलब्ध करवाने वाले करीब 7 किलोमीटर लंम्बे इस मार्ग का निर्माण कार्य 2014 में शुरू हुआ था, मगर विभाग व ठेकेदार सिरमौर सिंह द्वारा 2016 में तय अवधि समाप्त होने के बावजूद इसे तैयार नहीं किया जा सका। इस आधी अधूरी सड़क के बीच एक प्रभावशाली शख्स ने इसी माह ढारा अथवा कच्चा मकान बना डाला। गौरतलब है कि, नागरिक उपमंडल संगड़ाह में पिछले एक दशक से सड़क अथवा सरकारी भूमी से कोई भी अवैध कब्जा नहीं हटा है। इस बीच लोक निर्माण विभाग द्वारा हालांकि, अवैध कब्जे साबित होने पर नवंबर, 2017 मे 37 लोगों के बिजली व पानी के कनेक्शन काटने के लिए संबंधित विभाग को लिखा गया था, मगर इनमे से केवल तीन पेयजल कनेक्शन अब तक कटे हैं। गांव अंधेरी मे लोक निर्माण विभाग की 1 बीघा 4 बिस्वा भूमि अथवा सड़क पर अवैध कब्जे संबंधी रिपोर्ट तहसीलदार अधिशासी अभियन्ता संगड़ाह को भेज चुके हैं, मगर कब्जे हटाने संबंधी प्रक्रिया लंबित है।
16, अक्टूबर, 2014 को बस अड्डा बाजार संगड़ाह मे सड़क की जमीन पर बनी 4 लोगों की आधा दर्जन दुकानों पर 24 घंटे के लिए ताले लगाए जाने के बाद तहसीलदार द्वारा उस दौरान भी अधिशासी अभियंता संगड़ाह को केस भेजे गए, मगर उक्त कब्जे भी नही हट सके। गौरतलब है कि, इसी साल हिमाचल उच्च न्यायालय द्वारा सड़क पर कब्जे संबंधी एक मामले मे प्रदेश के सभी मंडलों व सड़कों मे अतिक्रमण की स्थिति को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई, मगर कोर्ट की सख्ती के बावजूद यहां विभाग नही जागा।
अधिशासी अभियन्ता संगड़ाह रतन शर्मा ने बताया कि, शुक्रवार को दूसरी बार जंदरायण-सनग मार्ग पर कब्जा हटाने गई विभाग की टीम को अवैध कब्जा धारक ने ढारा नहीं गिराने दिया। उन्होंने कहा कि, सोमवार को अतिक्रमणकारी तथा लाभान्वित ग्रामीणों को उन्होंने अपने कार्यालय में बुलाया है। उन्होने कहा कि, क्षेत्र मे साबित हो चुके अन्य अवैध कब्जों को लेकर भी नियमानुसार कार्यवाही की जा रही।
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