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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों के ताजा शोध के अनुसार हिमाचल में भीड़ होने पर सामाजिक दूरी मास्क और स्वच्छता की बंदिशें टूट सकती हैं। इससे न केवल कोरोना की तीसरी लहर समय से पहले आ सकती है बल्कि यह 47 प्रतिशत तक भयावह हो सकती है। यदि ऐसा होता है, तो यह हिमाचल जैसे कम प्रभावित राज्य के लिए खतरे की बहुत बड़ी घंटी है। आईसीएमआर व इंपीरियल कालेज लंदन के संयुक्त वैज्ञानिक दल ने हिमाचल पर्यटन के आंकड़ों के आधार पर यह शोध किया है। इनके अनुसार कोरोना की दूसरी लहर का भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रभाव हुआ है। जहां जनसंख्या और घनत्व अधिक है, वहां कम जनसंख्या और कम घनत्व वाले प्रदेशों की अपेक्षा अधिक प्रभाव हुआ है। हिमाचल जैसे प्रदेश में अपेक्षाकृत कम प्रभाव हुआ है।
शोधकर्ताओं के अनुसार मनाली व दार्जलिंग जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों में लोगों में रोग प्रतिशोधी क्षमता पूर्णत विकसित नहीं हुई है। आने वाले दिनों में होने वाली छुट्टियों में हिमाचल में 28 से 30 लाख पर्यटकों के हिमाचल में आने की संभावना है। यह हिमाचल की जनसंख्या के लगभग 40 प्रतिशत के बराबर है। उपायुक्त कांगड़ा डा. निपुण जिंदल का कहना है कि इस शोध को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है और आने वाले दिनों में पर्यटकों के आगमन पर सुनिश्चत किया जाएगा कि वह कोविड नियमों का पालन करें। इसके लिए होटलियर सहित पर्यटन कारोबार से जुड़े सभी लोगों से मिलकर उन्हें इसके लिए तैयार किया जाएगा। ऐसे में इनका पालन करवाने के लिए प्रशासन संबंधित एजेंसियों से मिलकर काम करेगा।
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