News portals-सबकी खबर (डेस्क – शिमला )
हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी/ डी.एल.एड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है की प्राथमिक स्कूलों में केवल जे.बी.टी की ही नियुक्ति की जाये बी.एड डिग्री धारको को इसमे शामिल करना सही नही है। जे.बी.टी कोर्स मे कक्षा 1 से 5 तक स्पैशल 2 साल का प्रशिक्षण दिया जाता है।जिसमे कक्षा 1 से 5वी तक बच्चो के मनोविज्ञान तथा टीचिंग स्किल का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है जबकी बी.एड डिग्री धारको को कक्षा 6 से 10वी तक के बच्चो को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है इसलिए बी.एड डिग्री धारको को कक्षा 1 से 5वी तक नियुक्त करना सरासर गलत है। हिमाचल प्रदेश मै 12 डाईट और 30 निजी कॉलेज है जिससे प्रतिवर्ष लगभग 3000 अभ्यर्थी प्रशिक्षण लेकर बेरोजगारी की कतार मे खडे हौ जाते है।
इस समय हिमाचल मै लगभग 40 हजार जे.बी.टी प्रशिक्षित बेरोजगार है जो 15-15 सालो से नौकरी का इंतजार कर रहे है परंतु हमारा ये मामला 2019 से लेकर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय मे विचाराधीन है। सरकार 3 सालो से ये तय नही कर पाई है कि अगर प्राथमिक स्तर पर बी.एड डिग्री धारको को रखना है तो 40 हजार जे.बी.टी प्रशिक्षित बेरोजगार कहाँ जाएँगे? हिमाचल प्रदेश के सभी 12 ड़ाइटो तथा 30 निजी जे.बी.टी कॉलेजों को बन्द किया जाना चाहिए ।हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर, सचिव मोहित ठाकुर, व अन्य सदस्य ओंकार ठाकुर , दीपक ठाकुर, विक्की चोधरी , अजय ठाकुर मड़वाल , ज्योती, तांवरी भाटिया , कर्ण पराशर ,पंकज शर्मा , नरेश ठाकुर, बबली शर्मा ने कहा है की इस समय प्रदेश मै लगभग 3000 जे.बी.टी के पद खाली चल रहे है। केस की वजह से 2018 के बाद कौइ भर्ती नही हुई है तथा 15-15 सालो से इंतजार कर रहे जे.बी.टी प्रशिक्षित बेरोजगार का भविष्य खतरे मे है।तथा इस मामले को सरकार जल्दी से जल्दी सुलझाए ताकि भर्तियां हौ सके और बच्चो का भविष्य भी खराब ना हौ।
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