News portals-सबकी खबर (डेस्क कुल्लू )
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू और देश के सबसे प्राचीन गांव मलाणा में मंगलवार रात हुए अग्निकांड ने ग्रामीणों को हिला के रख दिया। सर्द मौसम में ग्रामीण आशियानें आग की भेंट चढऩे से गुजर बसर करने के लिए बेवस हो गए हैं। अग्निकांड क्यों हुआ इसका कारण जानने के लिए मलाणा वासी अपने आराध्य देवता जम्दनि ऋषि के दरबार में पूछ डालेंगे। गांव में अचानक आपात घटना घटे या नया कार्य करना हो तो ग्रामीण अपने आराध्य के पास देव पूछ जरूर करते हैं। वहीं, लगातार मलाणा में घट रही आगजनी की घटना से मलाणावासी काफी चिंतित हो गए हैं। हालांकि अभी तक पिछले अग्निकांड को मलाणावासी भूल नहीं पाए थे कि एक दशक बाद फिर अग्निकांड का मंजर देखने को मिला, जिससे ग्रामीण काफी परेशान हो गए हैं। अग्निकांड ने प्रभावित परिवारों को खुले आसमान तले जीने को मजबूर कर डाला।
अब ग्रामीण आगामी समय में आगजनी की ऐसी घटना न घट जाए इसकी रोक के लिए अपने आराध्य देवता जम्दग्नि ऋषि से अर्ज करेंगे। आगजनी की घटना के बाद बुधवार को दोपहर बाद गांव के लोगों ने बैठकर एक साथ बैठक की। जहां पर घटना को लेकर चिंता व्यक्त की गई। बैठक में ग्रामीणों ने यह भी विस्तार से चर्चा की कि प्रशासन की ओर से सभी प्रभावित परिवारों को पूरी सहायता मिले। मलाणा पंचायत के प्रधान राजू राम ने बताया कि बार -बार हो रहे अग्निकांड से मलाणा के लोग परेशान है। आग्निकांड के बाद प्रशासन ने प्रभावित परिवारों की मदद की है। वहीं, हर संभव सहायता करने का भी आश्वासन दिया है।
मलाणा पहुंचे पूर्व सांसद महेश्वर सिंह
आगजनी की घटना की खबर मिलते ही पूर्व सांसद महेश्वर सिंह मलाणा गांव पहुंचे। यहां पर पहुंचकर जहां पूर्व सांसद ने प्रभावितों का दर्द सांझा किया। वहीं, प्रभावितों को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार से नुकसान की भरपाई करवाने का पूरा प्रयास करेंगे।
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