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भजापा प्रभारी हिमाचल प्रदेश एवं पूर्व लोक सभा सांसद अविनाश राय खन्ना ने सामाजिक दलित पीड़ित उत्थान संस्थान हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजि भारत रत्न बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के 65 वें महापरिनिर्वाण दिवस एवं आज़ादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित संगोष्ठि वर्तमान राजनैतिक व सामाजिक परिपेक्ष्य में मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया, कार्यक्रम की अध्यक्षता वीरेन्द्र कश्यप , पूर्व सांसद लोकसभा एवं अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग हिमाचल ने की।अपने संबोधन में भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि डा भीमराव अम्बेडकर के एक एक शब्द उनकी तपस्या एवं संघर्ष के बाद कहे है, हमे इन शब्दों को समर्ण करना चाहिए।उन्होंने कहा को डॉ अम्बेडकर की ज़िंदगी मे अनेकों लोग आए और उनका साथ दिया उन सबको भी हमे याद करना चाहिए।अम्बेडकर महाराष्ट्र के ब्राह्मण होते है, बाबासाहब से कृष्णा महादेव आंबेडकर नामक एक ब्राह्मण शिक्षक को विशेष स्नेह था। इस स्नेह के चलते ही उन्होंने बाबा साहब के नाम से ‘अंबाडवेकर’ हटाकर उसमें अपना उपनाम ‘आंबेडकर’ जोड़ दिया।
इस तरह उनका नाम भीमराव आंबेडकर हो गया, जिसके बाद उन्हें अंबेडकर बोला जाना लगा।उन्होंने बताया कि राजा गायकवाड़ में उनके विदेश भेजा जहाँ उन्होंने अपनी शिक्षा हासिल की। हम उनके दिखाए रास्ते पर चलना है शिक्षित बनना है, संगठित होना है और संघर्ष करना है।उस समय हमारे देश को सबसे पढ़े लिखे व्यक्ति डा भीमराव अम्बेडकर मिले। उन्होंने कहा कि डॉ अम्बेडकर ने समाज की सम्मानता के लिए पूर्ण रूप से काम किया हैं, इस समाज ने हमेशा दिल से देश और समाज की सेवा की है एवं भाईचारे को बढ़ाया है।उन्होंने लव कुश और वाल्मीकि का उद्धारण भी दिया और रवि दास समाज की बात भी लोगों के बीच रखी।उन्हों कहा कि हमारे महापुरषों ने समाज को जोड़ने की कोशिश की है और हमारी एकता को हमेशा बल मिला है।इस देश मे कभी भी किसी अमीर आदमी की पूजा नही हुई बल्कि त्यागी लोगो की पूजा हुई है। हमें अपने संविधान में मौलिक कर्तव्य के बारे में पड़ना चाहिए और उन्हें कंठस्त करना चाहिए। सभी कर्तव्यों को हमे पूरा करना है।महिला मोर्चा अध्यक्षा राशिमधर सूद, भाजपा नेता राजेश कश्यप, प्रदेश उपाध्यक्ष रतन पल सिंह, मोहिंद्र नाथ सोफट, मदन ठाकुर, भीम सिंह, आशुतोष वैद्या, मीरा आनंद, एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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