News portals-सबकी खबर (कुल्लू)
इन दिनों दिसंबर में हुई बर्फबारी से हिमाचल प्रदेश के सेब बागवान बागबाग हो गए हैं। तापमान गिरने से बड़ी मात्रा में चूहे मर रहे हैं।चूहों के बिल बर्फ की वजह से ढक गए हैं। दरअसल, चूहे बगीचों में सेब पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। जड़ो का मीठी और नरम होने की वजह से चूहे इन्हें पसंद करते हैं। यही नहीं, तापमान में कमी से सेब पौधों में रूट, कैंकर, वूली एफिड, स्केल और माइट जैसे रोगों का प्रकोप भी थम जाएगा। बर्फबारी से पौधों को लंबे समय तक नमी मिलेगी। चिलिंग ऑवर्स भी समय पर पूरे होंगे।
सेब की रॉयल फसल के लिए करीब 1600 से 1800 चिलिंग ऑवर्स और स्पर फसलों के लिए लगभग 600 से 800 ऑवर्स की जरूरत होती है। चिलिंग ऑवर्स से अभिप्राय सात डिग्री सेल्सियस के तापमान में सेब के पौधों के रहने से है। इससे सेब के पेड़ों को लंबे समय तक नमी मिलती है। बागवानी विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डॉ. बीएम चौहान ने बताया कि सेब बगीचों में बर्फ होने से चूहों की संख्या कम होगी। कैंकर, स्केल, वूली एफिड, जड़ सड़न जैसे रोग फैलने की आशंका भी कम होगी।
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