Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 22, 2024

मिसाइल और लड़ाकू विमान वाली तकनीक का प्रयोग कर तैयार की गई पहली स्वदेशी एंटी हेल गन

News portals-सबकी खबर (सोलन)

प्रदेश में तेयार की गयी पहली स्वदेशी एंटी हेल गन  उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी ने आईआईटी मुंबई के साथ मिलकर मिसाइल और लड़ाकू विमान चलाने वाली तकनीक का प्रयोग कर पहली स्वदेशी एंटी हेल गन तैयार की है। इस गन की खास बात यह है कि ये एसिटिलीन गैस से नहीं बल्कि एलपीजी से कार्य करेगी और विदेशी एंटी हेल गन से सस्ती होगी। विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग अध्यक्ष डॉ. एसके भारद्वाज ने बताया कि हवाई जहाज के गैस टरबाइन इंजन और मिसाइल के रॉकेट इंजन की तर्ज पर इस तकनीक में प्लस डेटोनेशन इंजन का इस्तेमाल किया गया है। इसमें एलपीजी और हवा के मिश्रण को हल्के विस्फोट के साथ दागा जाता है। इस हल्के विस्फोट से एक शॉक वेव (आघात तरंग) तैयार होती है।

यह शॉक वेव एंटी हेल गन के माध्यम से वायुमंडल में जाती है और बादलों के अंदर का स्थानीय तापमान बढ़ा देती है। इससे ओला बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। इन दिनों इस गन के ट्रायल पर शोध चल रहा है। इसमें गन कितने क्षेत्र में बादलों के अंदर ओले बनने की प्रक्रिया रोक सकती है, इस पर कार्य किया जा रहा है। गन को लगाने समेत इस तकनीक का शुरुआती खर्च करीब दस लाख होगा, जबकि बाद में एलपीजी गैस पर ही खर्च होगा। एंटी हेल गन विदेशों से खरीदने पर करीब 50 से 70 लाख की कीमत पड़ती है, लेकिन इस गन को सस्ते दामों में प्रदेश में ही तैयार किया जा रहा है।

यदि इस गन का ट्रायल सफल रहता है तो जिले के अन्य क्षेत्रों में भी इसे लगाने की योजना है। पहाड़ी राज्यों में ओलावृष्टि से किसानों-बागवानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस वर्ष भी ओलावृष्टि से टमाटर, शिमला मिर्च, गेहूं समेत प्लम, आडू और सेब को करीब दो करोड़ का नुकसान हुआ है।नौणी विवि और आईआईटी मुंबई के सहयोग से बनाई जा रही एंटी हेल गन से लाभ मिलेगा। ओलावृष्टि वाले संभावित क्षेत्रों में गन से विस्फोट कर वायुमंडल में बादलों के अंदर का स्थानीय तापमान बढ़ाकर ओला बनने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकेगा।

 

Read Previous

ग्राम पंचायत रजाना व माईना घडेल में फोक मीडिया कार्यक्रमों से बताई सरकार की नीतियां

Read Next

आसमां छू चुके टमाटर व मटर के दामों में आई गिरावट

error: Content is protected !!