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वोकेशनल शिक्षा को लेकर प्रदेश सरकार कर रही तैयारी | शिक्षा विभाग ने जिला चंबा के पांगी में डिजिटल शिक्षण सामग्री देने और दिव्यांग श्रेणी के विद्यार्थियों को डिजिटल डिवाइस देने का प्रस्ताव भी तैयार किया है। राज्य शिक्षा विभाग ने स्टार्स प्रोजेक्ट की सप्लीमेंटरी प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की वर्चुअल बैठक में केंद्र सरकार को यह प्रस्ताव बताकर 40 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। पहली से पांचवीं के विद्यार्थियों को स्पेशल प्रेक्टिस वर्क बुक्स देने की भी तैयारी है। शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विपिन कुमार की अध्यक्षता में हुई पीएबी की बैठक में प्रदेश से शिक्षा सचिव राजीव शर्मा और समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक वीरेंद्र शर्मा ने भाग लिया।
अधिकारियों ने बताया कि वोकेशनल शिक्षा को लेकर विद्यार्थियों में लगातार रुझान बढ़ रहा है। नवीं से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाए जाने वाले वोकेशनल विषयों के लिए विद्यार्थियों को छठी कक्षा से ही तैयार किया जाएगा। इन कार्यों के लिए भी केंद्र सरकार से बजट की मांग की गई है। रेडीनेस प्रोग्राम शुरू होगा|हिमाचल प्रदेश के छठी से आठवीं कक्षा के एक हजार सरकारी स्कूलों में प्री वोकेशनल शिक्षा शुरू करने की तैयारी है।
प्री प्राइमरी के बच्चों को स्कूल, शिक्षकों और सहपाठियों के करीब लाने के लिए सभी स्कूलों में रेडीनेस प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। कोरोना संकट के चलते करीब दो वर्ष से बच्चे विद्यालयों से दूर रहे हैं। इस कारण कक्षाओं में पढ़ाई, नए सहपाठियों से मेलजोल और घर से बाहर के माहौल में ढलने की आदत छूट गई है। ऐसे में बच्चों के लिए स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके तहत कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को स्कूल में घर जैसा माहौल दिया जाएगा। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास पर जोर दिया जाएगा।
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