Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 25, 2024

वेबसाइट में शामिल किया देश की पहली महिला शिक्षक का नाम

News portals-सबकी खबर(ऊना)

सावित्री बाई फुले देश की वह पहली महिला थीं, जिन्होंने भारत में लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया। उनका जन्म तीन जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के मायागांव में हुआ था सावित्री बाई फुले को भारत की सबसे पहली महिला शिक्षक कहा जाता है। उनके हक के लिए लड़ाई लड़ी। लड़कियों को पढ़ाने पर उन्हें गोबर एवं पत्थर फेंककर मारा जाता था। बावजूद इसके उन्होंने पढ़ाना नहीं छोड़ा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सावित्री बाई को अपनी वेबसाइट में स्थान दिया है।सावित्री बाई का विवाह 9 वर्ष की आयु में 12 वर्ष के ज्योतिराव फुले से हुआ था। सावित्री बाई फुले ने भारत की पहली महिला शिक्षिका बनकर स्कूल खोले।

उन्हें पढ़ने की बहुत इच्छा थी, लेकिन परिवार और ससुराल वालों ने विरोध किया। पति ने परिवार और समाज के विरोध के बावजूद उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाया। उन्होंने अध्यापक प्रशिक्षण संस्थान में भी प्रशिक्षण लिया।1848 में पुणे में खोला था बालिका विद्यालय  ज्योतिराव और सावित्री बाई फुले ने साल 1848 में पुणे में बालिका विद्यालय की स्थापना की। इसमें सावित्री बाई फुले प्रिंसिपल के साथ शिक्षिका भी बनीं। 1897 में पुणे में प्लेग फैल गया। इस महामारी के मरीजों की सेवा करने के लिए फुले दंपती ने एक क्लिनिक खोला। यहां वह खुद मरीजों की सेवा करती थीं।

इस दौरान वह खुद प्लेग की चपेट में आ गईं। उनकी हालत तेजी से बिगड़ी और 10 मार्च, 1897 को उनका निधन हो गया।बोर्ड ने सावित्रीबाई फुले के नाम से बनाए थे परीक्षा केंद्र हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने मार्च 2020 में हुई बोर्ड परीक्षाओं में 52 परीक्षा केंद्रों, 2021 की मार्च की परीक्षाओं में 54 परीक्षा केंद्रों एवं नवंबर 2021 में शिक्षा बोर्ड की फर्स्ट टर्म परीक्षाओं में 84 परीक्षा केंद्रों को सावित्री बाई फुले परीक्षा केंद्र नाम दिया था। इन केंद्रों में परीक्षा केंद्र अधीक्षक,

उपाधीक्षक समेत पूरा महिला स्टाफ तैनात किया गया था| उक्त परीक्षा केंद्रों के बाहर सावित्री बाई फुले का जीवन परिचय भी लिखा गया। अब शिक्षा बोर्ड ने अपनी वेबसाइट के होम पेज में सावित्री बाई फुले की फोटो और उनका जीवन परिचय अपलोड कर दिया है। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि भारत में महिला शिक्षा की लौ सावित्रीबाई फुले ने ही जगाई थी|

Read Previous

शिमला में पुलिस की कार्रवाई से शराब माफिया में मचा हड़कंप

Read Next

इतिहास में एक अनोखी पहल होमगार्ड जवानों द्वारा किया जा रहा पत्राचार

error: Content is protected !!