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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार में हुई कैबिनेट बैठक में नई ऊर्जा नीति को मंजूरी दी। इस नीति के तहत वर्ष 2030 तक प्रदेश में दस हजार मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन होगा। प्रदेश में दस हजार मेगावाट क्षमता की पंप स्टोरेज परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी।उपरोक्त क्षमता बढ़ोतरी के चलते राज्य में करीब 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा।
इससे प्रदेश में करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश में मिलने वाली निशुल्क विद्युत के विक्रय से लगभग 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक राजस्व भी प्राप्त होगा। इनमें हिमाचली मूल के लोगों को प्राथमिकता मिलेगी। सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति में कई प्रावधान किए जा रहे हैं। वर्ष 2006 में राज्य ने ऊर्जा नीति बनाई थी। अब इसे 15 वर्ष बाद बदला जा रहा है। प्रदेश की नई ऊर्जा नीति में हाइडल प्रोजेक्ट का अधिक दोहन होगा।
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