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जानकारी के अनुसार प्रदेश के 26 लाख उपभोक्ताओं में से ऑनलाइन बिल जमा नहीं करवाने वाले करीब 5.73 लाख उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बोर्ड प्रबंधन ने यह फैसला लिया है। लोकमित्र केंद्रों और राशन डिपुओं में बिल जमा करवाने पर अब उपभोक्ताओं को अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। पहले घरेलू उपभोक्ताओं को ढाई रुपये और अन्य को लोकमित्र केंद्रों में बिल जमा करवाने पर साढ़े सात रुपये अधिक देने पड़ते थे।
ढाई-ढाई रुपये बिजली बोर्ड की ओर से दिए जाते थे। अब पूरा खर्च बोर्ड खुद उठाएगा। वर्तमान में कुल 26 लाख उपभोक्ताओं में से साढ़े 21 लाख उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान डिजिटल रूप से कर रहे हैं। करीब 350 करोड़ के बिल डिजिटल तौर पर जमा हो रहे हैं। करीब 3.18 लाख उपभोक्ता प्रति माह अपने बिजली बिलों का भुगतान उपमंडल स्थित नकद काउंटरों पर, करीब 1.20 लाख आउटडोर कैश काउंटरों पर और 1.35 लाख उपभोक्ता लोकमित्र केंद्रों में कर रहे हैं। ऐसे में उपमंडल कैश काउंटरों या आउटडोर कैश काउंटरों में उपभोक्ताओं की भीड़ को कम करने के लिए और उपभोक्ताओं के घर व गांव के निकटतम स्थान पर बिजली बिल भुगतान की सुविधा के लिए यह फैसला लिया है। यह सेवा आम सेवा केंद्रों की ओर से संचालित एलएमके प्रणाली के माध्यम से उपलब्ध होगी।
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