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हिमाचल में फोरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के खुलासे के साथ पता चला की प्रदेश में पेड़ों का घनत्व बढ़ा है। दो साल बाद सामने आई रिपोर्ट में हिमाचल में जंगल घने हो रहे है| हिमाचल में 9.43 स्क्वायर किलोमीटर जंगल घने होने की बात कही गई है। वर्ष 2019 में सर्वे की रिपोर्ट में हिमाचल में 27.12 स्क्वायर किलोमीटर जंगल घने होने का खुलासा हुआ था। हालांकि उस समय झाड़ीदार जंगल का घनत्व अधिक था, जबकि इस बार ओपन फोरेस्ट में पेड़ों की संख्या बढ़ी है।
प्रदेश में चल रहें नेशनल हाईवे को फोरलेन में बदलने का काम तेज़ी से चल रहा है। कार्य के दौरान काफी संख्या में पेड़ो को काटा गया है| इन पेड़ों के कटने के बाद इस साल की रिपोर्ट में हिमाचल में जंगल का घनत्व कम होने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन तमाम विकासात्मक कार्यों के बावजूद प्रदेश में जंगल और घने हो रहे हैं। हालांकि इनकी गति 2019 और 2017 की रिपोर्ट के मुकाबले कम जरूर हुई है। वर्ष 2019 के मुकाबले इस बार 17.69 स्क्वायर किलोमीटर घनत्व कम हुआ है, जबकि वर्ष 2017 में सामने आई सर्वे की रिपोर्ट 27.12 स्क्वायर किलोमीटर जंगल का घनत्व बढ़ा था।
देश में तेजी से कम हो रहे जंगल एक चिंता का विषय है लेकिन वहीं साथ में फोरेस्ट सर्वे आफ इंडिया की यह रिपोर्ट हिमाचल में उत्साह बढ़ाने वाली है। मुख्य वन संरक्षक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि वनों के संरक्षण और लगातार पौधरोपण करते रहने से यह बढ़ोतरी नजर आ रही है। 9.43 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र घने जंगलों में बदला है। भविष्य में इस संख्या को और अधिक बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा प्रोटेक्शन और प्लांटेशन पर जोर दिया जाएगा। जंगलों का बढ़ना उत्साहवर्धन कर रहा है।
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