News portals-सबकी खबर (श्री रेणुका जी )
गर्मी के मौसम में अधिकतर जंगलों में आग लगने की शिकायते आती रहती है। जंगल में आग लगने के कारण दर्जनों वन्य प्राणियों की आग में जलने से प्रजातियां विलुप्त हो रही है। इसलिए जंगलों में आग न लगाए, खुद को बेगुनगाह जीवों का हत्यारा न बनाए, निर्दोष जीवों का पाप अपने ऊपर न बढ़ाएं। यह जानकारी रेणुका वन मंडल अधिकारी उर्वशी ठाकुर ने जारी प्रैस व्यान में दी है। उर्वशी ठाकुर ने बताया कि मौसम के गर्म मिजाज को देखते हुए ग्राम पंचायत प्रधान, नवयुवक मंडल, महिला मंडल व विभिन्न संघर्ष समितियों से सहायता के लिए अपील की जाती है कि, अपने-अपने एरिया में जंगलों को आग लगने से बचाने की संभव कोशिशें करें।
उर्वशी ठाकुर ने बताया कि रेणुका वन मंडल के अंतर्गत लगभग 27 हजार हेक्टर भूमि आती है। जिसमे कफोटा, रेणुका, संगडाह, नोहराधार व शिलाई रेंज कार्यालय आते है। वन विभाग द्वारा सभी रेंज कार्यालयों में फायर हेल्फ लाइन स्थापित की गई है। और आग लगने पर भुजाने के लिए स्पेशल टीमें गठित की गई है। जंगलों में आग लगाना दंडनीय अपराध है, इसलिए वन्य प्राणियों के पाप और कानूनी अपराध दोनो से जनता बचकर रहे।
उर्वशी ठाकुर ने स्थानीय लोगों से अपील रहेगी की अपनी घसानियो में आग न लगाए, यदि अत्यधिक जरूरी हो तो जंगल से लगभग 100 मीटर की दूरी पर पूर्ण सुरक्षा के साथ आग लगाएं, जब तक आग बुझ न जाएं तब तक आग लगाने वाली जगह को न छोड़े, पूर्ण तरीके से आग भुजाकर घर जाएं। जंगलों में आग लगने से लकड़ी, चारा, घास, पत्तियों सहित जीव, जन्तुओं का भारी नुकसान होता है। इतना ही नहीं बल्कि जंगलों के आसपास रह रहे गांव तथा लोगों को भी खतरा बना रहता है। इसलिए अपनी सुरक्षा के साथ साथ जंगलों की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है और सबको अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
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