News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल प्रदेश में जंगलों में आग की घटनाओं ने वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचाया है। एक अप्रैल से अब तक 719 जंगलों में आग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इससे चार हजार हेक्टेयर के करीब वन भूमि पर आग की चपेट में आई है। इस साल अब तक प्रदेश सरकार को जंगलों में लगी आग से 95 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हर साल जंगलों में डेढ़ से दो हजार आग लगने की घटनाएं होती हैं। वन विभाग के अनुसार जिला शिमला में सबसे ज्यादा 60 मामले आग लगने के दर्ज हुए हैं। इसके अलावा जिला कांगड़ा, मंडी, चंबा में भी जंगलों में आग लगने की घटनाएं जारी हैं। सड़कों के साथ सटे जंगलों में अग्निशमन विभाग के कर्मचारी आग पर काबू पा रहे हैं। वन विभाग के सीसीएफ अनिल शर्मा ने बताया कि आग से वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है।
वही औद्योगिक क्षेत्र झाड़माजरी के नजदीक कोटला गांव में जंगल में लगी आग की लपटों ने ऐसा तांडव मचाया कि प्रवासी कामगारों की चार झुग्गियां जल कर राख हो गई । आगजनी की चपेट में आने से प्रवासी कामगारों की मेहनत की कमाई, कपड़े, राशन भी स्वाह हो गए। दमकल कर्मियों ने घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल का रूख किया और आग पर काबू पाते हुए करीब तीन सौ र्झुिग्गयों को आग की चपेट में आने से बचा लिया। इस आग से पचास हजार रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। जानकारी के मुताबिक यह घटना दोपहर 11 बज कर 50 मिनट पर हुई, कोटला के जंगल की आग खड्ड के किनारे झुग्गियों तक पहुंच गई।
जिससे यूपी के संभल जिले के राकेश, धर्मपाल, यूपी के बदायू जिले के जगत पाल व ऋषिपाल की झुग्गियां जल कर राख हो गईं। आग की लपटों इन कामगारों का खीने पीने के सामान, बर्तन व कपड़े भी जल कर राख हो गए। सूचना मिलते ही फायर आफिसर कुलदीप ठाकुर के नेतृत्व में टीम ने झुग्गियों को चारों ओर से घेर लिया और पानी डाल कर आग पर काबू पाया। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्त के बाद आग पर पूरी तरह से काबू किया। उन्होंने बताया कि जंगल के साथ इन लोगों ने झाडिय़ों को साफ नहीं किया था जिसके चलते जंगल की आग झुग्गियों तक पहुंची। अगर यहां पर सफाई होती तो आग नहीं पहुंचनी थी।
पीडि़तों को दी फौरी राहत
उधर, नालागढ़ के एसडीएम महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि अग्रिकांड पीडि़तो को 8 हजार रुपए फौरी राहत के तौर पर मुहैया करवा दिए हंै। प्रशासन पीडि़तों के साथ खड़ा है। उन्होंने लोगों से जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए सहयोग मांगा है।
सोलन वन मंडल के अधीन आने वाले जंगलों में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। परवाणू, धर्मपुर, सुबाथू व कंडाघाट क्षेत्र के जंगलों में आगजनी की घटनाएं बढ़ती जा रहीं हैं। सोलन वन मंडल में 100 हेक्टेयर जंगल में आग लगी है, जिस पर वन विभाग काबू पाने का भरसक प्रयास कर रहा है व इस आगजनी की घटना में करीब ग्यारह लाख रुपए की वनसंपदा जलकर राख हो गई है। वन विभाग सोलन लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। पंचायतों में जाकर ग्राम सभाओं में लोगों को आग न लगाने बारे शपथ भी दिलाई जा रही है।
आग लगाने वालों पर होगी कार्रवाई
वनमंडलाधिकारी सोलन श्रेष्ठा नंद ने बताया कि सोलन वन मंडल के 100 हेक्टर जंगल आग से धधक रहें हैं। जिसमें करीब 11 लाख का नुकसान वनसंपदा को हुआ है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया की वह जंगलों में आग न लगाएं। पकड़े जाने पर 25 हजार रुपए जुर्माना व सात साल का कारावास होगा।
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