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प्रदेश सरकार ने गुरुवार को औद्योगिक राज्य स्तरीय समिति की बैठक में 38 औद्योगिक इकाइयों के लिए 56 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर की है। इनमें 25 औद्योगिक, 11 पर्यटन और दो जलविद्युत परियोजनाएं शामिल हैं। इसके लिए 476.35 करोड़ रुपये का निवेश होना है। इन औद्योगिक इकाइयों से हिमाचल प्रदेश में 1379 लोगों को रोजगार मिलेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आरडी धीमान की अध्यक्षता में यह बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि जिन उद्योगपतियों ने कारोबार शुरू कर दिया है। उन्हें यह सब्सिडी मिलेगी।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की ओर से विनिर्माण सेवा इकाइयों, 10 मेगावाट तक के बायोटेक और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए औद्योगिक विकास नीति बनाई गई है। इस नीति के तहत पांच करोड़ तक के निवेश पर प्लांट और मशीनरी में 30 फीसदी प्रोत्साहन दिया जाता है। प्लांट और मशीनरी का पांच साल का बीमा होने पर 100 फीसदी राशि वापस की जाती है। अब तक इस नीति के तहत प्रदेश में 478 इकाइयां पंजीकृत हुई हैं। 118 इकाइयों को मंजूरी दी जा चुकी है। इन्हें 168.65 करोड़ की सब्सिडी दी जा चुकी है। केंद्र सरकार से 48 इकाइयों के लिए 69.28 करोड़ प्राप्त किए जा चुके हैं।
कोरिया को हिमाचल में उद्योग स्थापित करने का न्योता
वहीं, प्रदेश सरकार ने कोरिया को हिमाचल में बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस, इलेक्ट्रिक पार्क और इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर और एग्रो फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। वीरवार को शिमला में उद्योग विभाग और कोरिया के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का संवाद हुआ। उद्योग विभाग के निदेशक राकेश कुमार प्रजापति ने ऊर्जा उपलब्धता, एकल खिड़की प्रणाली, ऑनलाइन सेवाएं, औद्योगिक पॉलिसी और व्यापार सुगमता की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। कहा कि हिमाचल की ओर से 3.41 अरब का निर्यात साउथ कोरिया के लिए किया जा रहा है। कोरिया प्रतिनिधिमंडल की ओर से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में प्रजापति ने बताया कि केंद्र से बद्दी-बरोटीवाला – नालागढ़ औद्योगिक जोन को अमृतसर-कोलकाता कोरिडोर से जोड़ने की स्वीकृति मिल चुकी है।
इससे आने वाले समय में औद्योगिक निवेश और उद्यमियों को उद्योग स्थापित और उत्पाद को विभिन्न क्षेत्रों तक भेजने में असुविधा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भारत और कोरिया के मध्य होने वाले निर्यात में अधिक इजाफा होगा। कोरिया गणराज्य दूतावास के व्यावसायिक संबद्ध कार्यों के प्रतिनिधि क्वांग सिओक यांग ने बताया कि इससे भविष्य में भारत और कोरिया के बीच नए अवसरों और संबंधों में भी मजबूती बढ़ेगी। कोरिया प्रतिनिधिमंडल ने हिमाचल प्रदेश में निवेश करने की इच्छा जताई है। इस अवसर पर अतिरिक्त नियंत्रक स्टोर सुनीता कप्टा, संयुक्त निदेशक उद्योग विभाग नरेश कुमार, अतिरिक्त निदेशक उद्योग तिलक राज शर्मा सहित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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