News portals-सबकी खबर (नेरवा )
जिला शिमला के तहत उपमंडल चौपाल में जगह-जगह वन और घासनियां सुलग रही है। हालांकि पिछले चार-पांच दिनों से दिन में एक टाइम बारिश की फुहारें भी पड़ रही है, परंतु इन फुहारों के बावजूद वन और घासनियां जगह-जगह सुलग रही है। सोमवार को भी नेरवा तहसील की ग्राम पंचायत चइंजन में आग की चपेट में आने से शिरगुल देवता का प्राचीन मंदिर जल कर राख हो गया तथा ग्रामीणों के सेब के 800 फलदार पौधे भी झुलस गए।
पंचायत प्रधान हेत राम कैंथला ने बताया कि छिनोग गांव के समीप घासनी में लगी आग हवा चलने से इस कदर प्रचंड हो उठी कि इसने गांव में बने शिरगुल मंदिर को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी प्रचंड हो चुकी थी कि किसी को भी इसे बुझाने का मौका नहीं मिला और देखते ही देखते मंदिर धू-धू कर जल उठा तथा उसमें स्थापित शिरगुल देवता की मूर्ति और सारा सामान राख के ढेर में तबदील हो गया।
इसके साथ ही घासनी के समीप राम लाल कांटा, पुत्र धर्मा, मोहर सिंह, पुत्र अनंत राम, लोकेंद्र पुत्र गोपी चंद, हरीश पुत्र लच्छी राम, सुख राम पुत्र कर्मा, केवल राम पुत्र दौलत राम एवं सुरेंद्र पुत्र किरपा राम आदि ग्रामीणों के सेब के आठ सौ फलदार पौधे भी आग की चपेट में आने से झुलस गए। सेब के यह पौधे इस कदर झुलस चुके है कि इनका फिर से हरा हो पाना नामुमकिन है।
इस दौरान आग ने राम लाल के मकान को भी अपनी चपेट में ले लिया था, परंतु घटनास्थल पर एकत्रित ग्रामीणों ने सूझ-बूझ दिखाते हुए आग पर काबू पाकर मकान को बचा लिया। तहसीलदार नेरवा जगपाल सिंह चौधरी ने बताया कि हल्का पटवारी इड़ा कपिल ने आग से हुए नुकसान की रिपोर्ट विभाग को भेज दी है।
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