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शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान एक भी विद्यार्थी का दाखिला न होने से खाली पड़े 153 प्राइमरी सरकारी स्कूल ग्राम पंचायतों और महिला मंडलों को दिए जाएंगे। इन स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिले बढ़ने पर पंचायतों और महिला मंडल से स्कूल खाली करवाए जाएंगे। स्कूल बंद रहने से खंडहर न बन जाएं, इसलिए विधानसभा शिमला में हुई प्राक्कलन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया।
समिति के सभापति और विधायक रमेश धवाला की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों को लेकर भी चर्चा हुई। प्रदेश के 2683 प्राइमरी स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे छोड़ने पर समिति ने संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग को शिक्षकों का युक्तिकरण करने के निर्देश दिए। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार शिक्षक तैनात करने के लिए कहा गया है।समिति ने कहा कि शिक्षा विभाग जल्द ऐसे स्कूलों की सूची तैयार करे, जहां विद्यार्थियों से अधिक शिक्षक हैं। उन शिक्षकों को कम शिक्षक वाले स्कूलों में भेजने के निर्देश दिए। बैठक में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने, सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने, वोकेशनल शिक्षा और आदर्श विद्यालयों को लेकर भी चर्चा हुई। प्राक्कलन समिति ने प्रधान सचिव शिक्षा डॉ. रजनीश और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक डॉ. पंकज ललित से सरकारी स्कूलों में घटते नामांकन विषय पर मौखिक साक्ष्य किया। मौखिक साक्ष्य के दौरान समिति ने प्रधान सचिव को प्रदेश में किस प्रकार सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन को बढ़ाया जाए, इस पर निर्देश एवं महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में प्राक्कलन समिति के सदस्य विधायक नरेंद्र ठाकुर, जगत सिंह नेगी, राकेश सिंघा, अनिरुद्ध सिंह, राजेंद्र राणा, रोहित ठाकुर और जिया लाल भी मौजूद रहे।
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