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November 23, 2024

शातिरों ने पेपर लीक करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व अन्य तकनीक का इस्तेमाल कियामामले में एसआईटी की जांच में कई अहम खुलासे हुए,

News portals-सबकी खबर (शिमला )

शातिरों ने पेपर लीक करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व अन्य तकनीक का इस्तेमाल किया है। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एसआईटी की जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में की जांच में एसआईटी महत्त्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है। हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व बिहार के पुलिस महानिदेशकों और दिल्ली के पुलिस आयुक्त से बात कर पेपर लीक मामले से संबंधित सरगनाओं को गिरफ्तार करने में सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। जांच में सामने आ रहा है कि पूरे देश में कागज का रिसाव एक संगठित अपराध बन गया है और किंग पिन इस अपराध में लैपटॉप, मोबाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हैं। अधिकांश परीक्षाएं रविवार को आयोजित की जाती हैं।

इस पेपर लीकेज संगठित अपराध की कार्यप्रणाली पूरे देश में आयोजित होने वाली सार्वजनिक परीक्षाओं की अनुसूची प्राप्त करना, अपने संगठित अपराध नेटवर्क के माध्यम से प्रश्न पत्र सुरक्षित करना, कोचिंग कक्षाओं और एजेंटों के नेटवर्क के माध्यम से संभावित उम्मीदवारों की पहचान करना, पैसे के हिसाब से लीक हुए प्रश्न पत्र एवं हर हफ्ते पता लगाने , गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने फोन-सिम बदलना शामिल है। डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि पेपर लीक करवाने वाले गिरोह के एक किंगपिन शिव बहादुर सिंह ने कई राज्यों में पेपर लीक करवाए हैं। आरोपी इससे पहले कि सुबूत मिटा पाता, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। (एचडीएम)

पेपर लीक मामले में अब तक 91 गिरफ्तारियां
अब तक इस मामले में 91 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा 57, सोलन से 19, हमीरपुर से चार, मंडी-बिलासपुर-चंबा से तीन-तीन, ऊना-कुल्लू से एक-एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में 63 अभ्यर्थी, तीन परिजन, एजेंट और साजिशकर्ता शामिल हैं। 15 एजेंट और साजिशकर्ता हिमाचल से व 10 अन्य राज्यों के शामिल हैं। इनमें से 26 न्यायिक और 21 पुलिस हिरासत में हैं। जांच में यह सामने आया है कि प्रदेश के आठ जिलों में यह पेपर बंटा है।

पंजाब-दिल्ली-यूपी-हैदराबाद में फैला नेटवर्क

सरगनाओं में से एक आरोपी शिव बहादुर सिंह जिसे एसआईटी ने वाराणसी से गिरफ्तार किया था। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी ने चार राज्यों में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में उसने अपने गिरोह के साथ मिलकर पेपर लीक करवाए हैं। पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हैदराबाद में इस गिरोह ने पेपर लीक कराकर करोड़ों रुपए इक_ा किए। हिमाचल पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले में पिछले दिनों वाराणसी से गिरफ्तार शिव बहादुर सिंह ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। शिव बहादुर सिंह वर्ष 2017 में पंजाब में जेबीटी शिक्षक और टीजीटी भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक करने में शामिल रहा है। इस मामले में पंजाब एसआईटी और उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने उसे गिरफ्तार किया था। प्रोडक्शन वारंट पर इसे पंजाब लाया गया था। बाद में इस मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी गई थी। पंजाब में सीनियर असिस्टेंट, सहायक अभियंता (एसडीओ), नगर निगम भर्ती और इंस्पेक्टर ग्रेड वन भर्ती के पेपर लीक कराने में उसकी संलिप्तता पाई गई है। पंजाब शहरी विकास प्राधिकरण में जेई भर्ती का पेपर लीक, सिंचाई विभाग में एसडीओ भर्ती का पेपर लीक करवाने में भी इसका हाथ था। रेलवे की ग्रुप डी भर्तियों का पेपर लीक करने के मामले में उसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा के पेपर लीक करने के मामले में हैदराबाद पुलिस ने भी उसे गिरफ्तार किया था।आरोपियों से बरामद सामान
—10,34,900 रुपए (भारतीय मुद्रा), 6,000 रुपए (नेपाली मुद्रा), अभ्यर्थियों के दसवीं और बारहवीं के प्रमाण पत्र मिले
— पांच कारें, 137 मोबाइल फोन, चार लैपटॉप, एक डीवीआर, 10 हार्ड डिस्क, एक पेन ड्राइव, तीन मेमोरी कार्ड, एक जियो-फाई
— एक पासबुक, दो चेकबुक, तीन पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, सात डेबिट कार्ड, एक हाजिरी रजिस्टर और एक रद्दी रजिस्टर
— एक विजिटर रजिस्टर, विजिटर रजिस्टर की फोटोकॉपी, आधार कार्ड की दो फोटोकॉपी
— डायरी, हवाई टिकटों की कॉपी, व्हाट्सऐप चैट के स्क्रीन शॉट, एक डिजिटल घड़ी

 

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