News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के दौरान घर से पढ़ाई करने में प्रदेश के तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थी पिछड़ गए हैं। नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय औसत में भी प्रदेश फिसला है। वर्ष 2017-18 में हुए सर्वे के मुकाबले इस बार नतीजे संतोषजनक नहीं रहे हैं। इन तीन कक्षाओं के विद्यार्थियों की भाषा, गणित, पर्यावरण अध्ययन, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय की 12 नवंबर 2021 को परीक्षाएं हुई थीं। दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने अंग्रेजी और गणित विषय में पहले के मुकाबले सुधार किया है। विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय में इस कक्षा के विद्यार्थी भी पिछड़े हैं। प्रदेश के 1,964 निजी और सरकारी स्कूलों के 43,573 विद्यार्थियों पर शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल अचीवमेंट सर्वे किया था।
कोरोना संकट के चलते वर्ष 2020 में सर्वे नहीं हुआ था। हर दो वर्ष बाद यह सर्वे होता है। इससे पूर्व वर्ष 2017-18 में सर्वे हुआ था। तीसरी कक्षा की परीक्षा का आयोजन 512 स्कूलों में हुआ था। इसमें 7,003 विद्यार्थी शामिल हुए। पांचवीं कक्षा की परीक्षा में 500 स्कूलों के 7,167 विद्यार्थी, आठवीं कक्षा की परीक्षा में 741 स्कूलों के 14,233 विद्यार्थी और दसवीं कक्षा की परीक्षा में 700 स्कूलों के 15,170 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इस राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण को सीबीएसई ने एक ही समय में पूरे देश में करवाया था।
कक्षा तीसरी
विषय 2021 की उपलब्धि (औसत में) 2017 की उपलब्धि (औसत में)
भाषा 60 69
गणित 53 63
पर्यावरण अध्ययन 55 64
कक्षा पांचवीं
विषय 2021 की उपलब्धि (औसत में) 2017 की उपलब्धि (औसत में)
भाषा 53 61
गणित 37 49
पर्यावरण अध्ययन 45 56
कक्षा आठवीं
विषय 2021 की उपलब्धि (औसत में) 2017 की उपलब्धि (औसत में)
भाषा 58 59
गणित 33 35
सामाजिक विज्ञान 38 43
विज्ञान 41 43
कक्षा दसवीं
विषय 2021 की उपलब्धि (औसत में) 2017 की उपलब्धि (औसत में)
अंग्रेजी 48 32
गणित 29 30
सामाजिक विज्ञान 38 38
विज्ञान 35 31
एमआईएल 43 51
दसवीं के अंग्रेजी, विज्ञान, एमआईएल विषय में राष्ट्रीय औसत को दी मात
प्रदेश के दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने अंग्रेजी, विज्ञान और मॉर्डन इंडियन लैंग्वेज (एमआईएल) विषय में राष्ट्रीय औसत को मात दी है। अंग्रेजी का परिणाम 48 फीसदी रहा है, जबकि राष्ट्रीय औसत 43 फीसदी है। विज्ञान में देश की औसत 37 फीसदी और प्रदेश की औसत 38 फीसदी है। एमआईएल विषय में प्रदेश की औसत 43 और राष्ट्रीय औसत 41 फीसदी है। आठवीं कक्षा की विज्ञान परीक्षा में राष्ट्रीय औसत 39, जबकि प्रदेश की औसत 41 फीसदी है। तीसरी और पांचवीं कक्षा का परिणाम राष्ट्रीय औसत से कम रहा है।
Recent Comments