News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
पूर्व जिला परिषद सदस्य एंव हाटी समिति की नौहराधार इकाई के अध्यक्ष शिवचंद द्वारा गिरिपार को अनुसूचित जनजाति दर्जे के समर्थन में जारी किए गए बयान अथवा Video को लेकर अनुसूचित जाति Activists द्वारा उन्हे दी जा रही नसीहत अथवा धमकी संबंधी 3 Ausio सोशल मीडिया पर viral हो रहे हैं। अब तक वायरल हो चुके शिलाई क्षेत्र के SC नेताओं अथवा कार्यकर्ताओं से बातचीत के Audio में एक वकील, दूसरे फौजी व तीसरे वकील बताए जा रहे हैं, जो उन्हें गिरिपार को ST Status दिलाने के नाम पर क्षेत्र की 40% अनुसूचित जाति आबादी का हक न छीनने की नसीहत दे रहे हैं।
तीनों वायरल आडिओ मे शिवचंद के गिरिपार की डेढ़ सौ पंचायतों को जनजातीय दर्जा मिलने पर भी यहां अनुसुचित जाति का पंचायत व विधानसभा Election मे आरक्षण व SC/ST Act-1989 बरकार रहने संबधी बयान भ्रामक बयान के लिए उन्हे सभ्य भाषा से धमकाया जा रहा है। इनमें से वकील बताया जा रहे शख्स ने तो यहां तक कह दिया कि, यदि उन्होंने ऐसी बयानबाजी व साक्षात्कार नहीं रोके तो उन्हें अनुसूचित जाति वर्ग के लोग जूते भी मार सकते हैं। अपने 3 मिनट 40 सेकंड के आडियो में शिलाई हल्के के बताए जा रहे अजा वर्ग के उक्त नेता ने वर्ष 2018 मे शिलाई क्षेत्र मे अनुसुचित जाति के हित की लड़ाई लड़ने वाले Advocate केदार जिंदान की हत्या किए जाने को शोषित तबके पर अत्याचार का सबसे बड़ा उदाहरण बताया। इसके अलावा करीब 18 मिनट व पौने 5 मिनट की बातचीत के दो अन्य वायरल Audio मे भी उन्हे संवैधानिक दायरे मे धमकाया जा रहा है। गौरतलब है कि, 3 दिन पहले Bheem Army Chief चंद्रशेखर रावण शिमला मे आयोजित एक प्रदर्शन में Government को गिरिपार को आदिवासी दर्जे का विरोध कर चुके हैं और इस बारे पर पुनर्विचार न होने पर सिरमौर से शिमला तक की पदयात्रा की चेतावनी दे चुके हैं।
पूर्व जिला परिषद सदस्य एंव हाटी समिति की नौहराधार तहसील इकाई के अध्यक्ष शिवचंद ने कहा की, व समिति पदाधिकारियों अथवा वह District के आला नेताओं से भी गिरिपार को अनुसूचित जनजाति दर्जा मिलने की सूरत में यहां पहले की तरह अनुसूचित जाति के लोगों के शोषण निवारण संबंधी Act तथा पंचायतों तथा विधानसभा में आरक्षण की व्यवस्था समाप्त न करने का कानून पास करवाने का आग्रह कर चुके हैं और हिमाचल व केंद्र सरकार से भी ऐसी मांग करते हैं। उन्होने कहा कि, गिरिपार से संबंधित अनुसुचित जाति से संबध रखने वाले 2 MLA व 1 MP भी Hati Samiti की खुमली Meetings मे ST Status का समर्थन कर चुके हैं।
गौरतलब है कि, वर्ष 1967 में साथ लगते उत्तराखंड के जौंसार इलाके को जनजातिय दर्जा मिलने के बाद से हाटी समिति द्वारा भी सिरमौर के गिरिपार के लिए जनजातीय दर्जे की मांग की जा रही है। समिति की केंद्रीय इकाई के अध्यक्ष डॉ अमीचंद कमल तथा सचिव कुंदन शास्त्री के अनुसार Transgiri के हाटी समुदाय को RGI द्वारा पंजीकृत किया जा चुका है और जल्द केंद्र सरकार इस बारे Notification जारी करेगी। क्षेत्र मे गत माह से जगह-जगह उक्त मांग को अंजाम तक पंहुचाने वाले समिति के Leaders का नागरिक अभिनंदन भी हो रहा है।
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