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बरसात शुरू होते ही राष्ट्रीय राजमार्ग 707 मे चल रहे फेस थर्ड पर बेतरतीव कार्य के कारण क्षेत्रीय लोगो मे मौत का डर सत्ता रहा है। एचईएस इन्फ्रा की सबलेट कंपनी रुधनव इन्फ्रा के इंजीनियरों ने ऐसा कमाल दिखाया है।
जिसे देखकर देश के इंजीनियर, कंपनी के इंजीनियरों की कार्यप्रणाली देखकर खुद को शर्मिंदा महसूस करेंगे। रुधनव इन्फ्रा कंपनी के इंजीनियरों ने पुल के लिए गलत कटिंग करके लगभग 100 बीघा से अधिक जमीन को नुकसान पहुंचाया है। जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 707 से लगभग एक किलोमीटर दूर पहाड़ी पर बसे ग्राम पंचायत कांडो भटनोल के गाव दूधवानी वासियों को गाव के गिरने का डर सत्ता रहा है। बेतरतीव कार्य कर रही कम्पनी पर जहां लोगो का गुस्सा फूटने लगा है। वही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के इंजीनियरों की काबिलियत पर सवालिया निशान लगने लाज़मी है। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर डक्कर धार के निकट भाजोइल खड्ड पर रुधनव इन्फ्रा के इंजीनियरों द्वारा पुल का निर्माण करवाया जा रहा है। कंपनी व राजमार्ग प्राधिकरण के कारीगरों ने पुल के लिए मार्ग से अंदर की तरफ एसी जगह गहरा गड्ढा खोद दिया है। जो स्लाइडिंग जॉन एरिया होने के साथ जमीन के अंदर से पानी रिसाव वाला क्षेत्र है। गहरा गड्ढा होने के कारण लगभग 100 बीघा पहाड़ नीचे की तरफ खिसक गया है। ओर पूरे पहाड़ पर गहरी दरारें आ गई है।
ग्रामीणो के घासनियों, खेतों मे जहां दरारें आ गई है वहीं तलाई क्षेत्र के ग्रामीण घरों को खतरा बना हुआ है। यदि बरसात अधिक हुई तो निश्चित तौर पर राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर डक्कर धार के निकट बड़ा पहाड़ दरकने से भारी मात्रा मे भूस्खलन हो जाएगा। जिसमे जहां सेकड़ों बीधा जमीन तबाह हो जाएगी वही दूधवानी गाव के लोगों को गाव छोडने का खतरा बना हुआ है। सूत्रों की माने तो एचईएस इन्फ्रा की सबलेट कंपनी रुधनव इन्फ्रा कम्पनी सरकार का पेसा डकारने के लिए वेतरतीवी कर रही है। मौका पर सरेआम घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। कम्पनी के पीएम, डिपीएम ओर साइड इंजीनियर, राजमार्ग प्राधिकरण के साथ मिलकर घटिया व मनमर्जी वाले कार्य को बेखोप अंजाम दे रहे है।
बताया यह जा रहा है कि कम्पनी के पीएम, डिपीएम के इशारों पर सब कुछ चल रहा है। राजमार्ग प्राधिकरण के प्रशासनिक अम्ला के साथ टेबल के नीचे वाली सेटिंग है। इसलिए कंपनी कर्मचारियों की पांचों उंगलिया घी मे नजर आ रही है। मनमर्जी करते हुए कंपनी के इंजीनियरों ने एसी जगह गड्ढा बना दिया है जो राष्ट्रीय राजमार्ग से बाहर है। यदि उस जगह पुल बनता है। तो मार्ग के डायवर्जन पूरे मार्ग पर सबसे अलग होगा। यह खुद मे अनोखी इंजीनियरिंग लोगो को देखने के लिए मिलेगी। बताया जा रहा है कि कंपनी ने मौका पर पुल बनाने की प्रक्रिया को बदल दिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि ग्रामीणो की सेकड़ों बीघा जमीन जो गहरे गड्ढे की भेंट चढ़ गई है उसकी भरपाई कोन करेगा?
क्षेत्रीय लोगों की माने तो पूरी कंपनी पीएम ओर डिपीएम के इशारों पर चल रही है, कंपनी के अंदर मजदूर से लेकर अधिकारियों तक सबकी अंदर खाते सेटिंग बताई जा रही है। इसलिए कार्य मे खुलेआम वेतरतीवी की जा रही है। कार्य कर रही कंपनी ने भाजोइल खड्ड पर जहां पुल से बाहर की तरफ नए पुल का निर्माण करना था। वहाँ इंजीनियरों ने अंदर की तरफ गहरा गड्ढा बना दिया है। जिसके कारण 100 बीघा से अधिक घासनियों मे दरारें आ गई है। ओर बरसात मे यह पूरा पहाड़ भूस्खलन की भेंट चढ़ने वाला है। यदि भूस्खलन होता है तो दूधवानी गाव सहित आसपास के दो तीन गाव की जमीन बर्बाद हो जाएगी साथ मे गाव को खतरा पैदा हो रहा है। इसलिए राजमार्ग प्राधिकरण व स्थानीय प्रशासन जल्द कंपनी पर कार्यवाही अम्ल मे लाएं अन्यथा आंदोलन किया जाएगा। ग्रामीणो को उनकी जमीन का उचित मुआवजा न मिलने पर शिलाई मे कंपनी के कार्यालय का घेराव किया जाएगा साथ ही न्यायालय मे मामले दर्ज किए जाएंगे।
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