News portals-सबकी खबर (शिलाई)
राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर फेस थ्री का कार्य कर रही एचईएस इन्फ्रा की सबलेट रुधनव इन्फ्रा कम्पनी द्वारा लगाए गए बेतरतीव डंपिंगयार्ड ने क्षेत्रीय लोगों को डराना शुरू कर दिया है। हल्की बरसात आते ही डंपिंगयार्ड की असुरक्षित दीवारे खिसकने लगी है। और डंपिंगयार्ड की जद में आने वाले लोगों को अपनी जमीनों से अधिक जिंदगियों की फिकर होने लगी है। राजमार्ग की कटिंग से निकल रहे मलबे ने सिंचाई कूल, पेयजल पाइप, घसानियों सहित पैड-पोधों को पहले ही नष्ट कर दिया है। और बरसात का मोसम आते ही लोगों को भारी भूस्खलन का डर सताने लगा है।कम्पनी द्वारा बेतारतीव फेंके गए मलबे और घटिया सामग्री वाली क्रेटवायर लगने के कारण पहाड़ी सरचना वाले ग्रामीण इलाकों में खेतीबाड़ी प्रभावित हो रही है। अनदेखी के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त राजमार्ग प्राधिकरण सहित स्थानीय प्रशासन के खिलाफ लोगों में रोष व्याप्त है। तथा जल्द संबंधित कम्पनी व प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने की बातें लोगों ने कही है। जानकारी के मुताबिक रुधनव इन्फ्रा कम्पनी ने राजमार्ग से निकलने वाले मलबे को बेतरतीव तरीके से पहाड़ी से निकलने वाले पेयजल सोर्स वाले नालों में डाल दिया है। कम्पनी की बेतरतीवी के चलते किसानी, बागवानी के लिए जहां भविष्य में जल संकट पैदा होने वाला है, वही वर्तमान में पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। रुधनव इन्फ्रा कम्पनी को कई बार शिकायते की गई है। लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलीभगत होने के कारण कंपनी की मनमर्जी क्षेत्रीय लोगों पर लगातार भारी पड़ रही है।
क्षेत्रीय लोगों की माने तो उन्होंने बताया कि गंगटोली खड्ड से लोराहं, जोक्ला, कुम्हारली, हरिजन बस्ती चमारली के लिए बनी कुल, पेयजल लाइन व सिंचाई लाइन को सड़क निर्माण से निकल रहें मलबे ने पहले ही बर्बाद कर दिया है। दर्जनों बीघा घासनियां मलबे से बर्बाद हो गई है। प्रभावित पंचायतों के लगभग 100 से अधिक परिवारों का जीवनयापन बेतरतीव सड़क के मलबे ने पूरी तरह तबाह किया है। प्रभावित परिवारों के लिए भरण पोषण की चुनोतियां खड़ी हो गई है। क्षेत्रीय लोगों के साथ ठगी करके कम्पनी व प्रशासन मामले मे सुध नहीं ले रहे है। इतना ही नही बल्कि वर्तमान में रुधनव इन्फ्रा कम्पनी द्वारा बनाए गए टिम्बी से लेकर श्रीक्यारी तक सभी डंपिंगयार्ड गिरने की कगार पर आ गए है। कइयों की सुरक्षा दीवार गिरने लगी है। तो कई गिरने की कगार पर आ गए है। जो क्षेत्र में भारी तबाई मचाने वाले है।
उलेखनीय है कि पांवटा से गुम्मा एनएच 707 पर कार्य कर रही एचईएस कम्पनी की सबलेट रुधनव इन्फ्रा कम्पनी को मलबा डालने के लिए चयनित डंपयार्ड दिए गए है। सरकार ने जनता का करोड़ों रुपए कंपनियों को अच्छा कार्य करने के लिए दिया है। बाबजूद इसके कंपनियां लगातार अपनी मनमर्जी करती आ रही है। बताया यह जा रहा है कि कार्य कर रही कंपनियों पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व स्थानीय प्रशासन का आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिए क्षेत्र में बेतरतीवी की जा रही है। इसी कारण लोगों की समस्याओं पर प्रशासन कार्यवाही नहीं कर रहा है। यदि बारीकी से जांच की जाए तो कम्पनी के दो डंपिंगयार्ड बरसात से पहले गिर चुके है। और बाकी बचे हुए मलबे के ढेर बरसात में लोगो के लिए आफत का कहर बनने वाले है। कंपनी के कुछ कर्मचारी ऐसे है जो मजदूरों और मशीनों के माध्यम से सड़क का मलबा डंपयार्ड की जगह सीधा बाहर फिकवा रहे है। जो नियमो के विरुद्ध तो है ही साथ ही निजी भूमि को नुक्सान पहुंचा जैसा क्राइम भी कर रहे है। आश्चर्य तो इस बात से हो रहा है। कि संबंधित कम्पनी न नियम देख रही है। न ही कम्पनी को सरकार और अधिकारियों का डर नजर आ रहा है। अब सवाल यह उठता है कि यदि बरसात ने अपना रौद्र रूप दिखाया और बेतरतीव फेंके गए मलबे में सैकड़ों बीघा जमीन भूस्खलन की भेंट चढ़ गई तो उसकी जिम्मेदारी कोन लेगा। और यदि कंपनियों द्वारा पैदा की गई इस आफत में किसी व्यक्ति या प्राणियों की मौत हो जाती है तो वह जिंदगी सरकार किसके नाम लिखने वाली है? यह यहां बड़ी बाते होगी। ऐसे में कम्पनी की कार्यप्रणाली को देखते हुए राजमार्ग प्राधिकरण, स्थानीय प्रशासन और प्रदेश सहित केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगना लाजमी होगा?
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