News portals-सबकी खबर (शिलाई)
भ्रष्टाचार की नीव पर बनाए गए डंपिंगयार्ड, पहली बरसात में पूर्ण होने से पहले धराशाही हो रहे है। डंपिंगयार्ड गिरने से सैकड़ों बीघा भूमि पर राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का मलबा चला गया है। और लोगों की उपजाऊ भूमि बर्बाद हो रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सहित प्रशानिक अम्ला कार्यवाही करने की जगह केवल तमाशा देखता नजर आ रहा है। ताजा मामला राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर उत्तरी के समीप बने एचईएस इन्फ्रा कम्पनी की सबलेट कम्पनी रुधनव इन्फ्रा का सामने आया है। जिसका डंपिंगयार्ड गिरने से भारी तबाई हुई है। कम्पनी द्वारा बनाए गए डंपिंगयार्ड में लाखों मिट्रिक टन मलबा डाला गया था जो सीजन की पहली बरसात भी सहन नही कर पाया है।
डंपिंगयार्ड के मलबे ने क्षेत्रीय लोगों की जमीनों पर भारी तबाई मचाई है। तथा नाले के दोनो तरफ भूमि कटाव लगा दिए है। इतना ही नही बल्कि डैम्पिंगयार्ड के नीचे रह रहे लोगों के लिए सड़क का मलबा आफत बनकर कहर बरपा रहा है। बताया जा रहा है कि यह तो शुरुआत है। अभी और अधिक मलबा लोगों की घासनीयों सहित उपजाऊ भूमि को नुक्सान पहुंचाने वाला है। डंपिंगयार्ड के नीचे रह रहे परिवारों को अब अपने जीवन बचाने की जद्दोजहद खाए जा रही है। क्षेत्रीय लोगों की माने तो निजी भूमि पर बनाए गए डंपिंगयार्ड में दर्जनों परिवारों की उपजाऊ भूमि को नुक्सान पहुंचाया है।
एक किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में सड़क का मलबा फेल गया है। जिससे लाखो रुपए का नुकसान किसानों सहित क्षेत्रीय लोगों को पहुंचाया गया है। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार डंपिंगयार्ड की सुरक्षा दीवारों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। जिसकी वजह से पहले ही वायरक्रेट गिर गई थी और बरसात होते ही पूरा डैम्पिंगयार्ड गिर गया है। पानी के बहाव में मलबा नीचे की तरफ जाने से पेयजल कुल, पेयजल लाइन, सोर्स टैंक सहित निजी भूमि को भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार राजमार्ग प्राधिकरण का पूरा प्रशासनिक अम्ला भ्रष्टाचार में लिप्त है। स्थानीय प्रशासनिक अम्ला भी कमीशन एजेंट बनकर कार्य कर रहा है। संबंधित कम्पनी ने सबको अपने अधीन रखा हुआ है। इसलिए कम्पनी पर कोई कार्यवाही नही हो रही है। और कम्पनी की मनमर्जी क्षेत्रीय लोगों के लिए आफत बनकर बरस रही है। लोगों का कहना है कि यदि संबंधित विभाग व अधिकारी अब भी कम्पनी पर कार्यवाही नही करते है तो समझ जाना चाहिए कि अधिकारी विकास करने नही बल्कि विनाश करने के लिए गिरिखंड क्षेत्र में पहुंचे है। इसलिए यदि कम्पनी डंपिंगयार्ड के मलबे से हुए नुकसान की भरपाई नहीं करती है। और नियमो के अनुसार अच्छा कार्य नही करती है। तो पहले शिलाई और पावटा साहिब एडीएम कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
और राजमार्ग प्राधिकरण के कार्यालय का घेराव करके प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। उलीखीय है कि मीडिया ने उतरी के समीप डंपिंगयार्ड में घटिया सामग्री और डंपिंगयार्ड के गिरने की कहानी पहले ही प्रशासन व जनता को बताई थी। लेकिन समय पर न प्रशासन जागा। न ही कार्य करवा रहे राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने घटिया कार्य की सुध ली। जिसके परिणामस्वरूप डंपिंगयार्ड क्षेत्र में भारी तबाई मचा गया है। इतना ही नही बल्कि एचईएस कम्पनी को सबलेट कम्पनी रुधनव इन्फ्रा के अभी अन्य डंपिंगयार्ड और सुरक्षा दिवारे लोगों की जमीनों पर भारी तबाई मचाने वाली है। क्युकी कम्पनी ने पूरे प्रोजेक्ट में वेतारतीव तरीके से कार्य किए है। और लोगों को इसकी कीमत जमीनों की तबाई करके चुकानी पड़ सकती है। गौर हो की एचईएस इन्फ्रा कम्पनी की घटिया क्वालिटी, मनमर्जी व वेतरतीवी किसी से छिपी नहीं है। पूरे प्रोजेक्ट में सबसे घटिया कार्य कम्पनी का बताया जा रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने दर्जनों बार प्रशासन और सरकार को घटिया कार्यप्रणाली की शिकायतें की है। राजमार्ग प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन को भी यह बात बखूबी मालूम है। बावजूद उसके कम्पनी पर प्रदेश और केंद्र सरकार के अधिकारी कार्यवाही करने में गुरेज करते है। और स्थानीय लोगों की शिकायते कार्यालयों की फाइलों में दबा दी जाती है। ऐसे में क्षेत्रीय जनता की आवाज को कोन सुनेगा यह यहां देखने वाली बात होगी। बेरहाल उतरी के पास डंपिंगयार्ड गिरने से कम्पनी व प्रशासन की करनी व कथनी सबके सामने आ गई है।
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