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केंद्रीय श्रम और रोजगार विभाग हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों के कामगारों और उनके आश्रितों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इसे लेकर कर्मचारी राज्य बीमा निगम के बद्दी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी इन सभी जिलों के कामगारों को लेकर सर्वे कर रहे हैं। जल्द ही विभाग को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।इस योजना में प्रदेश के बिलासपुर, कुल्लू, चंबा, शिमला, किन्नौर, लाहौल स्पीति, कांगड़ा और हमीरपुर जिले को शामिल किया गया है। योजना से जुड़ने के बाद यहां के कामगारों और उनके आश्रितों को सरकारी और योजना के तहत जोड़े गए निजी अस्पतालों में निशुल्क उपचार मिलेगा।
वर्तमान में ईएसआईसी में पंजीकृत मजदूरों और उनके आश्रितों को उपचार के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम की ओर से निजी और सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए रेफर किया जाता है। इसके लिए पहले कामगार को डिस्पेंसरी जाना पड़ता है।निजी अस्पतालों के अलावा उसे शिमला स्थित आईजीएमसी, पीजीआई और चंडीगढ़ स्थित सेक्टर-32 में भेजा जाता है। यहां निगम की ओर से दस दिन के लिए मरीज को उपचार की अनुमति दी जाती है। अगर दस दिन के भीतर रोगी का उपचार नहीं होता है तो उसे दोबारा उसी तरह से अनुमति लेनी पड़ती है।अब आयुष्मान योजना से जुड़ने पर पंजीकृत मजदूरों और उनके आश्रितों को किसी भी मान्यता प्राप्त अस्पताल में बिना किसी अनुमति के उपचार मिलेगा। उसे केवल अपना कार्ड दिखाना होगा। वह देश के किसी भी हिस्से में उपचार करवा सकता है।
इस बारे में निगम के क्षेत्रीय निदेशक संजीव कुमार ने बताया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से प्रदेश के आठ जिलों के कामगारों और उनके आश्रितों को आयुष्मान योजना के तहत लाने की तैयारी चल रही है। अब इन आठ जिलों में कामगारों की संख्या और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं की रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। उसके बाद यह योजना इन जिलों में लागू हो जाएगी।
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