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राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय ने कृषि क्षेत्र प्रोत्साहन कोष के तहत अनुदान मोड पर पांच परियोजनाओं के लिए 65 लाख 61 हजार 885 रुपए की राशि मंजूर की है। इन परियोजनाओ के कार्यान्वित होने के पश्चात हिमाचल प्रदेश के 1340 किसानों को प्रशिक्षित कर राज्य में मधुमक्खी पालन, सेब के उत्पादन और रेशम उत्पादन के क्षेत्र में लाभ मिलेगा।
स्वयं सहायता समूहों को इन प्रशिक्षणों से सुदृढ़ किया जा सकेगा और हिमाचल में प्राकृतिक खेती के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।
इनमें सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय मधुमक्खी अनुसंधान केंद्र नगरोटा बगवां ने जिला कांगड़ा और चंबा में हिमाचल प्रदेश के किसानों ने गुणवत्तापूर्ण शहद, पराग और मधुमक्खी के उत्पादन के लिए स्थिरता के लिए कौशल विकास और मधुमक्खी पालन में सुधार, राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान ने लाहुल-स्पीति और स्पीति घाटी में सीबकथॉर्न (हिप्पोफे रमनोइड्स) के मूल्य वर्धित उत्पादों के माध्यम से उद्यमिता और आजीविका का विकास करना, मानव विकास संस्थान बिलासपुर ने सदर और झंडुता प्रखंड में रेशम उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण गरीबों की आजीविका में वृद्धि पर भी असर पड़ेगी।साथ ही हिमालयी वन अनुसंधान संस्थान ने किन्नौर में देशी परागणकों और उनके खाद्य पौधों के संरक्षण के लिए प्रथाओं को बढ़ावा देने पर क्षमता निर्माण के साथ सेब प्रबंधन पर जिला किन्नौर के सेब उत्पादकों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर जोर दिया जाएगा।
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