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मानसून के असर से हिमाचल में पेयजल संकट के हालात बन गए हैं। मुख्य शहरों समेत कई ग्रामीण इलाकों तक पानी पहुंचा रही योजनाएं ठप हैं। पेयजल के मुख्य स्रोतों पर मलबा गिरने की वजह से पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है। जलसंकट से जूझ रहे इलाकों में जल शक्ति विभाग ने कर्मचारियों की टीम मैदान में उतार दी है, जबकि राजस्व विभाग की मदद से नुकसान के आंकड़े भी जुटाए जा रहे हैं।जल शक्ति विभाग को मानसून की वजह से अब तक करीब 153 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मानसून को शुरू हुए अब तक करीब 22 दिन ही गुजरे हैं।
विभाग को ज्यादा नुकसान अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में झेलना पड़ रहा है। कुल्ल, लाहुल-स्पीति, चंबा, किन्नौर और शिमला के कई क्षेत्र मानसून से प्रभावित हैं। पूरे प्रदेश भर की बात करें तो अब तक 450 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।हालांकि इसमें सबसे बड़ा आंकड़ा लोक निर्माण विभाग का है। पीडब्ल्यूडी को अब तक भू-स्खलन की वजह से 300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल ने बताया कि मानसून की वजह से हो रहे नुकसान के आंकड़े राजस्व विभाग की मदद से जुटाए जा रहे हैं, जबकि परियोजनाओं से गाद बाहर निकालने को कर्मचारियों की टीम तैनात की गई है।
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