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हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के कोटखाई थाना क्षेत्र से किडनैप हुए बाबा शिव नारायण पुरी की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। अपहरण और हत्या करने की साजिश बाबा के शिष्य रविंद्र आत्मानंद पुरी ने रची थी। एसपी डॉ. मोनिका ने यह खुलासा सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में किया। बताया कि मामला पैसों के लेनदेन से जुड़ा हुआ था। मुख्य आरोपी 15 सालों से बाबा के साथ रह रहा था। बाबा के बैंक खातों से 10 लाख रुपये निकाले गए हैं। इसमें 6 लाख नकदी बरामद कर ली है। इसके साथ चंडीगढ़ से बाबा की कार भी कब्जे में ली है। एसपी ने कहा कि यह ब्लाइंड मर्डर केस था।
6 जून को हलाइला आश्रम की ओर से थाना कोटखाई में बाबा के लापता होने की शिकायत दर्ज हुई। 11 जून को अपहरण का मामला दर्ज हुआ। 27 जून को सिरमौर जिले की सीमा पर कुरू लवाना गांव से बाबा का शव बरामद हुआ।बाबा के एटीएम से हुई निकासी की सूचना पर जानकारी जुटाई और बिहार के एक एटीएम की सीसीटीवी फु टेज निकाल कर पुलिस आरोपियों तक पहुंची। हत्या के इस मामले में 25 जून को बिहार के औरंगाबाद निवासी आरोपी धर्मेंद्र सिंह (37) की पहली गिरफ्तारी हुई। आरोपी ने बाबा शिव नारायण का अपहरण कर हत्या करने की बात बताई। इस पर पुलिस ने शव सिरमौर के राजगढ़ में बरामद किया। मामले में दो 2 अन्य व्यक्ति भी अपराध में शामिल थे। बाद में तमिलनाडु पुलिस की मदद से 18 जुलाई को तमिलनाडु के तिरुपुर से बिहार के गया निवासी आरोपी भूपिंदर (40) को गिरफ्तार किया। 20 जुलाई को पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी रविंदर (40) (स्वामी आत्मानंद) पंचकूला निवासी को उत्तर प्रदेश के बरेली से पकड़ा। एसपी डॉ. मोनिका ने बताया कि सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में है।
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