News portals-सबकी खबर (संगंड़ाह)
हिमाचल के प्रमुख आस्थास्थल Churdhar के Himalyan Forest मे Corona काल की बंदिशों मे छूट के चलते इस साल यात्रियों की संख्या के साथ-साथ single use Plastic के ढेर मे भी भारी इजाफा हो रहा है। Government, Administration’, Wildlife Dipartment, Pollution control Board व स्थानीय निकायों द्वारा अब तक यहा पोलीथीन का कचरा रोकने के ठोस उपाय नही किए गए।
पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार यहां पाई जाने वाली हिमालई वनस्पति व दुर्लभ जीवों के लिए उक्त कचरा बड़ा खतरा है।DC सिरमौर के Single use Plastic पर प्रतिबंध के निर्देश व 15 जुलाई से 15 अगस्त तक के प्लास्टिक से मुक्ति अभियान का भी यहां कोई असर नही दिख रहा है और न ही Deputy Commissioner Shimla के ऐसे दावों का।शिरगुल देवता मंदिर चूड़धार का मुख्य रास्ता हालांकि, Sirmaur के उपमंडल संगड़ाह के नौहराधार होकर जाता है, मगर शिमला जिला के चौपाल उपमंडल के सराहन से भी काफी श्रद्धालू पंहुचते हैं और इस रास्ते मे प्लास्टिक के ज्यादा ढेर है। महज एक-आध KG Plastic के कचरे के साथ Photo व Video shoot कर अखबारों व Social Media की सुर्खियों मे आने की कोशिश करने वाले कुछ कथित पर्यावरण प्रेमी, मेनका गांधी जैसे वन्य प्राणी प्रेमी व Ecosystem की चिंता दिखाने वाले राजनीतिक दलों, Court व Government से संबधित बड़े लोग भी यहां दुर्लभ हिमालई Wildlife को Plastic से बचाने की ईमानदार कोशिश नही कर रहे हैं।BDC Chairman तथा हिमाचल प्रदेश सूचना एंव जनसंपर्क विभाग के पूर्व उपनिदेशक मेला राम शर्मा ने आज 1 बयान मे शिरगुल देवता का वास्ता देकर श्रद्धालुओ व पर्यटकों से यहां प्लास्टिक का कचरा न डालने की appeal की हालांकि, BDC अथवा स्थानीय पंचायती राज संस्थानों ने भी अब तक यहां प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर फूटी कौड़ी तक खर्च नही की।
बहरहाल इस Plastic का काला साया इस वन्यप्राणी अभ्यारण्य पर लगातार मंडरा रहा है।
Recent Comments