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April 20, 2025

गांव शिल्ला में कोरोना बूस्टर डोज लगाने में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही,

News portals -सबकी खबर ( कफोटा )

भगवान के बाद यदि प्रदेश की जनता अपने स्वास्थ्य को लेकर किसी पर विश्वास करती है, तो वह स्वास्थ्य विभाग है। लेकिन जब स्वास्थ्य विभाग के कर्मी ही बेअदबी पर उतर आए, तो ऐसे में जनता किसके पास अपनी फरियाद रखेगी? मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कफोटा का सामने आया है। जहां पर कोरोना संक्रमण की बूस्टर डोज लगवाने के लिए विभाग ने गांव शिल्ला के लिए स्टाप नर्स के साथ आशा वर्कर की ड्यूटी लगाई हुई थी। लेकिन उक्त स्वास्थ्य कर्मी मौका पर पहुंची ही नही। और जब पहुंची तो ग्रामीणों पर यह कहकर भड़क गई कि स्वास्थ्य विभाग को मेरी शिकायत की गई है। इसलिए अब बूस्टर डोज नही लगाएगी, घंटो तक हंगामा करने के बाद शिल्ला गांव की एक महिला जो स्टाप नर्स की पढ़ाई कर चुकी है। उसके माध्यम से ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण की बूस्टर डोज लगाई गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने उक्त महिला स्वास्थ्य कर्मी पर जांच के आदेश जारी कर दिए है।

बावजूद उसके स्थानीय लोगों को ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य महिला कर्मी की बेअदबी का सामना लगातार करना पड़ रहा है। जिसके कारण समूचे एरिया में स्वास्थ्य महिला कर्मी के खिलाफ लोगों में रोष व्याप्त हो गया है। जानकारी के अनुसार बीते रविवार को जब शिल्ला गांव में ड्यूटी पर तैनात स्टाप नर्स और आशा वर्कर निर्धारित समय पर नही पहुंची तो ग्रामीणों ने स्थानीय गांव के पत्रकार को जानकारी लेने के लिए बताया, जिसके बाद उक्त पत्रकार ने विभाग के अधिकारियों को जानकारी लेने के लिए फोन किया। और तुरंत ड्यूटी पर तैनात स्टाप नर्स और आशा वर्कर को मौका पर जाने के लिए विभागीय आदेश जारी किए गए। बात यहीं खत्म नहीं हुई, जैसे ही उक्त पत्रकार के भाई कोरोना संक्रमण की बूस्टर डोज लगवाने पहुंचे, तो उक्त स्वास्थ्य महिला कर्मी बेअदबी करने पर उतर आई, और गांव की जनता के सामने नीचा दिखाने की मुमकिन कोशिश की गई। मामला इसके बाद भी शांत न हुआ, दूसरे दिन जब आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्र कफोटा में पत्रकार के भाई की पत्नी कोरोना संक्रमण का टीका लगवाने पहुंची, तो उक्त स्वास्थ्य स्टाप नर्स उन पर भी खूब भड़की और यहां तक धमकियां देने लगी की स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य मंत्री तक उनकी पहुंच है। इसलिए उक्त पत्रकार पर सरकारी कर्मचारी के साथ अभद्र और दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाकर अंदर करवा दूंगी। हम ड्यूटी अपनी मर्जी से करते है।

हमे सैलरी सरकार देती है। पत्रकार नहीं देते है? अब उक्त स्वास्थ्य महिला कर्मी के बेअदबी वाले बर्ताव से हरकोई स्तब्ध नजर आ रहा है। क्षेत्रीय लोगों की माने तो उक्त स्वास्थ्य महिला कर्मचारी ने जनता के साथ दुर्व्यवहार किया है। और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कटपुतली बताया है। स्वास्थ्य विभाग के अंदर यदि अक्सर ऐसे ही कर्मचारियों की पैठ होगी और अपनी मर्जी से कार्य करेंगे तो आम आदमी के लिए स्वास्थ्य की जांच करवाना आसान नहीं होगा? इसलिए क्षेत्रीय लोगो सहित शिल्ला गांव के ग्रामीणों ने उक्त महिला को तुरत सस्पेंड करने की मांग उठाई है। साथ ही बताया है कि यदि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्यवाही नही करते है, तो मामले में स्वास्थ्य कार्यालय का घेराव किया जाएगा और आंदोलन किया जाएगा। विभागीय सूत्रों की माने तो जिला विभागीय अधिकारी, सीएमओ को मामले की सूचना मिलते ही उन्होंने त्वरित जांच के आदेश जारी कर दिए है। जिसके बाद कार्यकारी बीएमओ जांच के लिए कफोटा सामुदाइक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। पहले तो बीएमओ साहब उक्त स्वास्थ्य महिला कर्मी को सस्पेंड करने की बात कहते रहे। लेकिन देर शाम तक कुछ ऐसा हुआ कि उक्त स्वास्थ्य महिला कर्मी पर कार्यवाही करने की जगह विभागीय अम्ला बचाव करने के पक्ष में जुगत भिड़ाते नजर आए है। बैरहाल मामले में जांच जारी है। और कार्यकारी बीएमओ के पास जांच का जिम्मा सौपा गया है। उल्लेखनीय है कि अक्सर पत्रकार और अधिकारियों के बीच विभिन्न मामलों को लेकर बातचीत होती रहती है। अधिकतर मामलों में जनता को हो रही परेशानियों का निपटारा करने के लिए पत्रकार और अधिकारी मिलकर कार्य करते भी नजर आते रहते है। मामले में यदि जनता की परेशानियों को लेकर पत्रकार ने स्वास्थ्य कर्मी के आने या न आने की बात पूछ ली, तो वह किसी के खिलाफ शिकायत नहीं होती है। और यदि उक्त महिला स्वास्थ्य कर्मी इसी बातचीत को शिकायत का रूप दे रही है। तो ऐसे कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार में समिलित नेताओं का आशीर्वाद हो सकता है। और ऐसे कर्मचारी जनता के लिए ही नही बल्कि संबंधित विभाग के लिए भी घातक साबित हो सकते है। अब स्वास्थ्य विभाग का उच्चस्तरीय मैखमा मामले में सख्त कार्यवाही करेगा या अपने विभाग की कर्मचारी को बचाने के पक्ष में मामले को गोलमोल करता है। यह आगामी जांच में सामने आएगा। उधर जिला स्वास्थ्य अधिकारी अजय पाठक ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि ड्यूटी के दौरान लापरवाही व जनता के साथ बेअदबी करने वाली स्वास्थ्य महिला कर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। और संबंधित बीएमओ को निष्पक्ष जांच करने के आदेश जारी किए गए है

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