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November 23, 2024

कफोटा: प्रदेश का सबसे बड़ा दलाल हुआ प्रकट, सियासी पारा चरम पर

News portal- सबकी खबर (कफोटा)

रोजगार संकल्प मेले के दौरान बीते दिनों शिलाई विधानसभा के कफोटा में ऐसा हुआ जिसकी कांग्रेस के विरोधियों ने कल्पना नहीं की होगी? स्थानीय विधायक हर्षवर्धन चौहान ने जहां रोजगार संकल्प मेले के दौरान प्रदेश कांग्रेस के सामने अपना शक्ति प्रदर्शन दर्शाया है। वही सत्ता के गलियारों में प्रदेश के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी और दलाल का पटाक्षेप करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जहां कुछ महीने पहले ही एसडीएम, पुलिस थाना और विकासखंड कार्यालय को खोला गया है। उसी स्थान पर कांग्रेसी विधायक ने विकराल रैली करके विरोधी खैमे में खलबली मचा दी है। दरअसल प्रदेश व्यापी रोजगार संकल्प मैले का शुभारंभ करने के लिए प्रदेश कांग्रेस के तेज तर्रार युवा नेता व शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह शिलाई विधानसभा पहुंचे थे। इसलिए शिलाई कांग्रेस ने कफोटा में अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाकर उम्मीद से अधिक जनसभा को संबोधित किया।

कार्यक्रम के दौरान विपक्षियों के तीर प्रदेश सरकार और स्थानीय नेताओं पर लगने लाजमी थे। लेकिन इतने गहरे तीर लगेंगे, इसकी किसी को उम्मीद न थी। जहां अप्रत्याशित भीड़ ने क्षेत्रीय राजनीति को चौंका दिया है। वहीं स्थानीय विधायक हर्षवर्धन चौहान का गुस्सा फूटना जाहिर सी बात नजर आ रही थी। हर्षवर्धन चौहान ने अपने संबोधन में बताया कि शिलाई विधानसभा के अन्दर आने वाले चुनाव में ईमानदारी और भ्रष्टाचार के बीच की लड़ाई है। यहां भ्रष्टाचार की सारी हदें तोड़ दी गई है। शिलाई के विकासखंड कार्यालयों में कर्मचारियों की कमीशन के अतिरिक्त भी कमीशन फिक्स है। जिसमे एक प्रतिशत विकासखण्ड अधिकारी और एक प्रतिशत भाजपा के स्थानीय नेता को जाता है। विधायक यहीं नहीं रुके बल्कि आरोप पर आरोप लगाते हुए कहते है कि विधानसभा का राजनेता प्रदेश का सबसे बड़ा दलाल है। पिछले कार्यकाल में विधायक निधि पर संशय बना हुआ था। बाद में पता चला की 47 लाख रुपए भाजपा नेता के परिवार के खाते में पहुंच गए है। हालांकि जनसभा के दौरान हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश के सबसे बड़े दलाल की दलालिया उजागर नही की है।

लेकिन यह पैंतरा आगामी चुनावी राजनीति को भुनाने में आजमाया जा सकता है। जो शिलाई राजनीति की तस्वीर बदल सकता है। रोजगार संकल्प मैले के बहाने काग्रेस ने शिलाई में चुनावी बिगुल बजा दिया है। और सत्ता की लगाई को नई दिखा देने की कोशिश की गई है। कफोटा मे खीची गई राजनेतिक रोष की लकीर समूचे विधानसभा में आगे बढ़ने वाली है। हर्षवर्धन चौहान के संबोधन की तल्खी ने सप्ष्ट किया है कि शिलाई कांग्रेस चुनावी लड़ाई ईमानदार बनाम भ्रष्टाचारी रूप दे रही है। चुनाव में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, जनता की अनदेखी, जानकर जनता को इग्नोर करना, कर्मचारियों के तबादले पर धनराशि को ऐठना, गिरीखंड को जनजातीय क्षेत्र न करवाने जेसी बातों को भुनाया जाएगा। कफोटा जनसभा से एक बात और स्पष्ट होती नजर आ रही है कि भाजपा विकासात्मक योजनाओं की घोषणाएं, जनजातीय क्षेत्र पर कार्य, क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान, धरातल पर किए कार्यों को जनता के बीच भुना नही पाई है। विकासात्मक कार्यों की लम्बी फेहरिस्त के बाद भी जनता में कांग्रेस प्रेम भाजपा पर भारी पड़ सकता है। आश्चर्य इस बात से हो रहा है कि कांग्रेस के पास जनसभा के दौरान जनसैलाब होने के बाद भी विधानसभा के विकास को लेकर किसी नेता ने कोई खास बात नही बताई है। विक्रमादित्य सिंह के साथ स्थानीय विधायक हर्षवर्धन सिंह ने बेहद संवेंदशील जनजातीय क्षेत्र के मुद्दे को भी अछूता रखा। बावजूद उसके भारी जनसमर्थन भाजपा के लिए निसंदेह चेतावनी ही नही बल्कि चुनौती बनकर उभरा है। कफोटा में सपन्न हुई जनसभा ने अन्य इच्छुक उम्मीदवारो के गणित गड़बड़ा दिए है। जनसभा ने एक बड़ा संदेश दिया है कि कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ने के लिए भाजपा को अपने तीर अधिक नुकीले करने होंगे। यहां ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो आगामी चुनाव के नतीचे आने पर पता चल जाएगा। अलबत्ता कफोटा में संपन्न हुई रोजगार संकल्प रैली कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार जरूर कर गई है। शिलाई विधानसभा के अंदर भाजपा भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का जवाब केसे देती है। और कांग्रेस अपने नए पुंज को चुनावों तक कैसे बनाए रखती है। यह देखना अधिक दिलचस्प होगा।

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