News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली )
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 अगस्त, 2022 को मणिपुर में मुख्यालय महानिरीक्षक असम राइफल्स (दक्षिण) का दौरा किया और रेड शील्ड तथा असम राइफल्स के सैनिकों से बातचीत की। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, जीओसी-इन-ईस्टर्न कमांड ले.जन. आरपी कालिता और जीओसी स्पियर कोर के ले.जन. आरसी तिवारी सहित सेना तथा असम राइफल्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे। दौरे के समय क्षेत्र में शांति व व्यवस्था कायम रखने के विषय पर रक्षा मंत्री को उग्रवाद-रोधी गतिविधियों तथा भारत-म्यांमार सीमा पर सीमा प्रबंधन परिचालन की जानकारी दी गई। सैन्य कर्मियों को सम्बोधित करते हुये राजनाथ सिंह ने सैन्याधिकारियों और सैनिकों की सराहना की कि वे दुर्गम भू-भाग और मौसम की चुनौतियों का सामना करते हुये पूरे साहस तथा दृढ़ता से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स के बीच उपस्थित होना बहुत गर्व की बात है | रक्षा मंत्री ने रेड शील्ड डिवीजन के योगदान की प्रशंसा की कि अपनी स्थापना के बाद से ही चाहे वह 1971 का युद्ध हो, श्री लंका में आईपीकेएफ का हिस्सा होने की बात हो या उसकी वर्तमान भूमिका हो, डिवीजन ने हमेशा महान योगदान दिया है। उन्होंने पिछले सात दशकों में अपने शानदार योगदान तथा आंतरिक सुरक्षा, भारत-म्यांमार सीमा को सुरक्षित बनाने और पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने में मुख्य भूमिका निभाने पर असम राइफल्स के महती योगदान की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने कहा, “यही कारण है कि आपको ‘फ्रेंड्स ऑफ दी नॉर्थ-ईस्ट पीपुल’ और ‘सेन्टीनल्स ऑफ नॉर्थ-ईस्ट’ कहा जाता है।” राजनाथ सिंह ने अटूट समर्पण के साथ राष्ट्रीय ध्वज को बुलंद रखने के लिये बलों की प्रशंसा की और कहा कि राष्ट्र उसी समय अपनी पूरी क्षमता से काम कर सकता है, जब उसकी सीमायें सुरक्षित रहें। उल्लेखनीय है कि रेड शील्ड डिवीजन और असम राइफल्स के 1,000 से अधिक सैन्य कर्मियों ने रक्षा मंत्री के साथ संवाद में हिस्सा लिया।
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