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हिमाचल प्रदेश में आपदा से कई लोगो कि जान जा चुकी है | इससे निजात पाने के लिए आइआईटी मंडी हिमाचल प्रदेश में आपदाओं के पूर्वानुमान तकनीक पर काम करे तो प्रदेश में हर साल होने वाला जानमाल का नुकसान कम होगा। इस बार भी भारी बारिश से 13 लोग अपनी जन गँवा चुके है | अगर बादल फटने की घटनाओं का पहले से ज्ञान हो जाए तो यह बहुत बड़ा कदम साबित होगा और आपदा की शिकार होने वाली कई जानें बच सकती हैं।
यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आईआईटी मंडी में आयोजित हिमालयन स्टार्टअप ट्रैक 2022 कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अनुसंधान प्रदेश और देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है। जय राम ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने इस बात का जिक्र किया है कि रिसर्च का जीवन में अहम रोल है। जय राम ठाकुर ने यह भी कहा कि हमे बेहद ख़ुशी है कि आईआईटी मंडी रिसर्च में 23वें नंबर पर है।
भविष्य में यह हिमाचल के विकास के लिए अहम कदम साबित होगा | उन्होंने इस आयोजन को लेकर आयोजकों और शोधकर्ताओं को बधाई दी। वही,इनोवोशन के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि आईआईटी को दी है। प्रदेश में ऐसे कदम से कई लोगो कि जान बचाई जा सकती है | यदि बादल फटने की घटना पहले से ज्ञात हो जाये तो उस जगह से लोगो को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा सकता है |
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