News portals- सबकी खबर (पांवटा साहिब)
विधानसभा पांवटा साहिब में चुनावी बेला में शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार सहित दो लोगों ने भाजपा के टिकट पर चुनावी ताल ठोकी है । भाजपा का टिकट चाहने वाले दोनों नेताओं ने अलग अलग पत्रकार वार्ता के माध्यम से टिकट की दावेदारी और अपना चुनावी वीजन पार्टी और जनता के समक्ष रखा। विधानसभा पांवटा में चुनावी साल में चुनाव लड़ने की हसरत पाले उम्मीदवार अब सामने आने लगे हैं। पांवटा साहिब में भाजपा के टिकट चाहने वालों की सूची लंबी होती जा रही है। यहां भाजपा के टिकट पर वर्तमान विधायक सहित कुल छह उम्मीदवार टिकट पर दावेदारी अभी तक जता चुके हैं। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की हसरत पाले दो लोगों ने टिकट के लिए दावेदारी जनता के समक्ष रखी। दोनों उम्मीदवारों ने शुक्रवार को टिकट की दावेदारी और उनका चुनावी विशन पत्रकार वार्ता के माध्यम से जनता के समक्ष रखा |
पावटा साहिब निवासी शिमला में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी वर्मा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि वह भाजपा के टिकट पर पांवटा साहिब से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। किसके लिए उनकी भाजपा आलाकमान से बात चल रही है। भाजपा के टिकट लिए वह विधिवत रूप से अपनी दावेदारी पेश करेंगे। उन्होंने कहा प्रदेश की भाजपा सरकार ने बहुत से विकास कार्य करवाए हैं लेकिन स्थानीय विधायक की निष्क्रियता की वजह से पांवटा साहिब हल्के में बहुत से काम बाकी हैं। वह क्षेत्र के विकास के उन कामों को गति देने और जनता की सेवा के लिए राजनीति में पदार्पण कर रहे हैं।
पांवटा साहिब में युवा भाजपा कार्यकर्ता सुनील चौधरी ने भी भाजपा के टिकट पर दावेदारी पेश की। सुनील चौधरी पावटा विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी बिरादरी बाहती बिरादरी से आते हैं और पिछले लंबे समय से सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं। युवा नेता सुनील चौधरी का कहना है कि क्षेत्र के लोगों के कहने पर है वह राजनीति में उतर रहे हैं और क्षेत्र के जनता की समस्याओं का समाधान उनकी प्राथमिकता रहेगी। सुनील चौधरी ने बताया कि उन्होंने टिकट के लिए भाजपा मंडल अध्यक्ष से लेकर भाजपा आलाकमान तक को पत्र लिखे हैं। सुनील चौधरी टिकट मिलने और चुनाव में जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि वह है कई महीनों से लगातार जनता के बीच हैं जनसमस्याओं के निराकरण से संबंधित घोषणा पत्र तैयार कर रहे हैं। पत्रकार वार्ता में सुनील चौधरी ने ऐलान किया कि यदि वह विधायक बनते हैं तो वह वेतन नहीं लेंगे और विधायकों को मिलने वाली पेंशन भी नहीं लेंगे।
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