News portals- सबकी खबर (नाहन)
उपायुक्त सिरमौर एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राम कुमार गौतम ने कहा कि तत्परता हर समय होनी चाहिए क्योंकि आपदा की स्थिति कभी भी हो सकती है। आपदा से निपटने के लिए सभी विभाग संयम, धैर्य तथा कार्य योजना अपनाकर करें निष्पादन और कर्मचारियों एवं मशीनरी की क्षमता को भी बढ़ाएं ताकि प्रतिक्रिया का समय और कम हो तथा जान-माल के नुकसान को रोका जा सके। उपायुक्त आज यहां उपायुक्त कार्यालय के सभागार में सभी विभागाध्यक्षों के साथ गत दिवस नाहन में आयोजित मॉक ड्रिल पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने सभी विभागों को 30 सितम्बर 2022 तक अपने विभाग के अधीन उपलब्ध साधनों की सूची जिला आपातकालीन संचालन केंद्र को उपलब्ध करवाने और हर 15 दिन में इस सूची को अपडेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपलब्ध साधनों की सूची को भारत आपदा संसाधन नेटवर्क पर अपलोड किया जाएगा ताकि कोई भी ऑनलाइन इसे देख सके। उन्होंने कहा कि गत दिवस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की सहायता से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था जोकि काफी हद तक सफल रही।
उन्होंने एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केन्द्र के स्वयं सेवी तथा रक्तदान करने वालों की जानकारी भी जुटाकर रखने के निर्देश दिए ताकि आपदा की स्थिति में उनकी सेवाओं का लाभ उठाया जा सके। उपायुक्त ने सभी विभागों को आपदा खासकर भूकंप और आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए विभिन्न उपाय अपनाने को कहा। उन्होंने सभी कार्यालयों में वर्षा जल संग्रहण प्रणाली को तैयार करने तथा सभी फायर हाईड्रेंट को क्रियाशील रखने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक सिरमौर ओमापति जमवाल ने कहा कि यह मॉक ड्रिल निवारक उपायों की उपलब्धता और आपदा से निपटने की तैयारी के लिए थी। उन्होंने कहा कि जिला आपातकालीन संचालन केंद्र को अपने रिकॉर्ड को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है ताकि आपदा के दौरान हर चीज की जानकारी जिला प्रशासन के पास उपलब्ध हो और बिना देरी के राहत कार्य किए जा सकें।
उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को भी आपदा के दौरान उनके विभाग की जिम्मेदारियों के निर्वहन बारे प्रशिक्षित करने को कहा। अतिरिक्त उपायुक्त मनेश यादव ने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए संचार, रसद प्रबंधन और प्रतिक्रिया का समय महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि गत दिवस आयोजित की गई मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा के दौरान इन तीनों के महत्व को समझाया गया। सहायक कमांडेंट, 14वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल आरआरसी नालागढ़, कर्म सिंह ने कहा कि किसी भी आपदा के दौरान राहत कार्य की सफलता 90 प्रतिशत जिला प्रशासन पर तथा 10 प्रतिशत बचाव बलों पर निर्भर करती है। इसी दिशा में जिला प्रशासन को ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल के माध्यम से तैयार किया जाता है ताकि सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारियों का पता हो और आपदा के दौरान सब मिलकर कार्य करें ताकि संभावित जान-माल के नुकसान को रोका जा सके।
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