Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

गिरिपार के खशिया खुंदों की पांच दशकों से चल रही लड़ाई में की जीत हासिल ,अनुसूचित जाती के अधिकारों को भी रखा बरकरार

News portals- सबकी खबर (शिलाई)

गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलने के बाद जहां खशिया खुंदों की पांच दशकों से चल रही लड़ाई ने जीत हासिल की है। वहीं केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाती के अधिकारों को बरकरार रखकर अन्य सभी जातियों को अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र के दायरे में रखकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। दरअसल गिरिपार क्षेत्र में जब से प्रदेश व केंद्र सरकार ने गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने को लेकर मुहिम तेज की थी तब से अनुसूचित जाति के लोगों ने क्षेत्र में आंदोलन तेज करके सरकार के सामने मांग रखी थी कि उनके अधिकारों को बरकरार रखा जाए तथा अनुसूचित जाति को जनजाति क्षेत्र होने की क्षेणी में न रखा जाए। इसलिए सरकार ने सबके अधिकारों को ध्यान में रखते हुए गिरिपार क्षेत्र के खशिया खुंदो सहित अन्य पिछड़ा वर्ग व अन्य जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति के दायरे में शामिल किया है।

जबकि अनुसूचित जाति के लोगों को जनजाति क्षेत्र के दायरे से बाहर रखा है। केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले को लेकर समूचे गिरिपार क्षेत्र में खुशी का माहोल बना हुआ है और केंद्र सहित प्रदेश सरकार का गिरिपार क्षेत्र के लोग आभार व्यक्त कर रहे है। वर्ष 2011 की गणना के अनुसार आंकड़ों पर नजर डाली जाएं तो गिरिपार क्षेत्र के अंतर्गत जिला सिरमौर की चार विधानसभाओं के लोग अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के दायरे में आए है। इनमे श्री रेणुका जी विधानसभा की 44 पंचायतों के लगभग 40317 लोगों को लाभ मिलेगा जबकि इन्हीं पंचायतों के अंदर रह रहे लगभग 29990 अनुसूचित जाति के लोगों को जनजातीय क्षेत्र होने का लाभ नहीं मिलेगा, अनुसूचित जाति के लोगों को पहले वाले अधिकार बरकरार रहेंगे।

इसी तरह पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की 34 पंचायतों के साथ एक नगर पंचायत के लगभग 27261 लोगों को अनुसूचित जनजाति का लाभ मिलेगा और अनुसूचित जाति के लगभग 21594 लोगों को केवल अनुसूचित जाति के लाभ प्राप्त होंगे। पावटा साहिब विधानसभा क्षेत्र की 18 पंचायतों के लगभग 31 गावों के 25323 लोगों को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का लाभ होगा, जबकि इन्हीं पंचायतों के अंदर रह रही अनुसूचित जाति के लगभग 9406 लोगों को जनजाति क्षेत्र होने के दायरे से बाहर रखा गया है। इन तीन विधासभा क्षेत्रों के अतिरिक्त शिलाई विधानसभा क्षेत्र की सभी 58 पंचायतों में लगभग 95 गांव की 66775 आबादी अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के दायरे में रहेगी, और अनुसूचित जाति के लगभग 30456 लोगों को केवल अनुसूचित जाति के लाभ प्राप्त नहीं होंगे।

Read Previous

यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस पर भाजपा प्रचार वाहनों को चारों संसदीय क्षेत्रों में दिखाएंगे हरी झंडी : राजीव बिंदल

Read Next

बद्रीपुर, जामनीवाला, नाया पंजोड व कांडो भटनोल में फोक मीडिया कार्यक्रमों से लोगों को किया जागरूक

error: Content is protected !!