News Portals सबकी खबर (नाहन)
प्रदेश में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने से गुर्जर समुदाय में नाराजगी देखी गई | केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ इस समुदाय ने याचिका दायर करने पर अपनी हामी भर दी है।औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में हुई सिरमौर के गुर्जर समुदाय के लोगों की बैठक में हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने से काफी नाराजगी देखी गई। गुर्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज भाटिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में राष्ट्रीय गुर्जर स्वाभिमान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र भाटी और अन्य पदाधिकारी भी विशेष रूप से शामिल हुए। बैठक में गुर्जर समाज के लोगों ने हाटी को जनजाति में शामिल करने का विरोध करने के साथ अपने अधिकारों के संरक्षण पर भी विस्तृत चर्चा की।
इस दौरान पांवटा और नाहन क्षेत्र से समुदाय के 600 लोग शामिल हुए, जहां सबकी सहमति से 21 सितंबर को कालाअंब में रोष रैली के साथ-साथ महासभा करने और हाटी को जनजातीय दर्जा देने के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने जैसे अहम फैसले लिए गए।गुर्जर समाज के नेता हंसराज व किनशुक गुर्जर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले से ही किन्नौर, चंबा, मंडी व सिरमौर से करीब चार लाख लोग अनुसूचित जनजाति में शामिल हैं, जिन्हें 7.5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है। अब हाटी समुदाय के डेढ़ से दो लाख लोगों को भी इसी कोटे में शामिल किए जाने के बाद गुर्जरों के अधिकारों का बंटवारा किया गया है।हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने से पहले न तो सरकार ने आरक्षण कोटा बढ़ाया और न ही गुर्जरों के अधिकार कैसे सुरक्षित होंगे, इसका कोई स्पष्टीकरण दिया गया। केवल नेताओं के चुनावी मंचों से मौखिक भाषणों में किसी भी समुदाय को इससे हानि न होने की बातें कही गई हैं, जो चुनावों के बाद अकसर भुला दी जाती हैं। लिहाजा, गुर्जर समाज अपने हक की लड़ाई के लिए रोष प्रदर्शन के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगा।
यदि उनकी मांगों को दरकिनार किया गया तो चुनाव का समय आने पर गुर्जर एकता का प्रदर्शन व अनशन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार या तो उनका आरक्षण कोटा बढ़ाए या अधिसूचना जारी होने से पहले तमाम पहलुओं पर अपनी स्थिति को लिखित रूप से स्पष्ट करे। वक्ताओं ने कहा कि गुर्जरों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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