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प्रदेश में अब न्यायालय के आदेश त्वरित लागू होंगे और फाइल लेकर घूमने का झंझट भी नहीं रहेगा। सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश पर व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब ऑनलाइन माध्यम से भी कोर्ट ऑर्डर, स्टे और बेल से जुड़े आदेश मान्य होंगे। इस व्यवस्था से न्याय प्रणाली के अति सुरक्षित और तीव्र होने की उम्मीद है। इस संबंध में गृह विभाग के प्रधान सचिव भरत खेड़ा ने अधिसूचना जारी की है। अब यह व्यवस्था फास्ट सिक्योर ट्रांसमिशन इलेक्ट्रानिक्स रिकॉर्ड (फास्टर) के नाम से जानी जाएगी। यह व्यवस्था सर्वाेच्च न्यायालय के उस आदेश के आधार पर की गई है, जिसमें उसने बेल मिलने के बावजूद कैदी को छोडऩे में देरी पर स्वत: संज्ञान लिया था।
बता दे कि ये आदेश सर्वाेच्च न्यायालय ने 16 जून, 2021 और 23 सितंबर, 2021 को दिए थे। अब ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेशों पर अमल तत्काल हो सकेगा। आदेश की कॉपी बेवसाइट के माध्यम से हासिल की जा सकेगी और इसे मान्य समझा जाएगा। इस मामले में नोडल ऑफिसर की भी तैनाती की जाएगी।
इसके साथ ही जेल अधीक्षक की भी यह जिम्मेदारी तय कर दी गई है कि वह फास्टर के माध्यम से भेजी गई जानकारी को हासिल करें और केस के संबंध में मिले आदेश को पूरा करें। फैसले से जुड़ी मेल या मोबाइल संदेश नोडल ऑफिसर को भी भेजा सकता है, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके। भरत खेड़ा ने बताया कि फास्टर व्यवस्था से न्याय प्रणाली सुगम होगी।
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