News Portals सबकी खबर(चंबा)
प्रदेश में लंपी वायरस ने पशुपालकों की कमर तोड़ कर रख दी है। प्रदेश में हर रोज सैकड़ों पशुओं की मौत हो रही है। पहले अधिकतर दूध देने वाले पशुओं की मौत इस रोग से हो रही थी, लेकिन अब कई स्थानों पर बैल भी इस रोग से दम तोड़ रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह बीमारी कमजोर इम्यून सिस्टम वाले पशुओं को अपनी जकड़ में लेती है। लंपी वायरस के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम के स्टेट नोडल ऑफिसर डा. अरुण सिरकेक का कहना है कि यह बीमारी अधिकतर दूध देने वाले पशुओं को होती है।
पशुपालन विभाग कांगड़ा के उपनिदेशक डा. संजीव धीमान का कहना है कि जिला के कुछ क्षेत्रों में बीमारी पर नियंत्रण पा लिया गया है, जबकि नए क्षेत्रों में मामले अब बढऩे लगे हैं। अब तक कांगड़ा जिला में 32353 मामले लंपी बीमारी के आ चुके हैं। 1861 पशुओं की मौत इस रोग से हो चुकी है, जबकि 17 हजार ठीक हो चुके हैं। स्टेट नोडल आफिसर डा. अरुण ने कहा कि कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों के डेथ रेट में डिक्लाइन आ रहा है।
चंबा जिला में लंपी वायरस का पहला मामला 22 अगस्त को आया था। हालांकि विभाग की माने तो मुख्य क्षेत्रों में बीमारी पर नियंत्रण कर लिया गया है, लेकिन लोगों का उचित सहयोग न मिलने से जिले के दूरदराज क्षेत्रों में बीमारी फैलती जा रही है। पशुपालन विभाग चंबा के उपनिदेशक डा. लाल गोपाल ने कहा कि जिला के 25 अस्पतालों में केवल 11 डाक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शेष पद खाली चल रहे हैं।
Recent Comments