News portals- सबकी खबर ( इंदौरा) इंदौर में भाजपा एससी मोर्चा के सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ही एससी समुदाय को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इस समुदाय के उत्थान के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। पूर्व में जब-जब भी कांग्रेस की सरकारें रहीं, तब-तब अनुसूचित जाति के लोगों से भेदभाव किया। उन्होंने कहा बीजेपी सरकार ने केंद्र और प्रदेश में अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए बहुत सारी कल्याणकारी योजनाएं आरंभ की हैं। सुरेश कश्यप ने कहा कि मैं स्वयं इस समाज से संबंध रखता हूं। मुझे इस बात का गर्व महसूस होता है कि मैं भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हूं और पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया।यह पहला अवसर है कि जब हिमाचल प्रदेश में किसी पार्टी का मुखिया अनुसूचित से संबंध रखता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह अनुसूचित जाति समाज के लिए सम्मान का विषय है। सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए गंभीरता पूर्वक न तो विचार किया है और न ही कोई नीतियां बनाई। कांग्रेस ने कभी भी सम्मान वाले पद पर अनुसूचित जाति के व्यक्ति को सुशोभित नहीं किया। कांग्रेस को हमेशा ही चुनाव के समय ही इस समाज की याद आती है। उन्होंने यहां मौजूद कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें इस समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक अपनी पहुंच बनानी चाहिए तथा भाजपा की जनहितैषी और कल्याणकारी नीतियों को प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति तक ले जाने का काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्य कांग्रेस के पिछले 6 दशकों के शासनकाल से बेहतर है। डा. सिकंदर को राज्यसभा भेज कर दिया सम्मान सुरेश कश्यप ने कहा कि उन्होंने कहा कि ड. सिंकदर कुमार को भी राज्य सभा भेज कर भारतीय जनता पार्टी ने अनुसूचित जाति के समाज के सम्मान का कार्य किया है। यह पूरे प्रदेश एससी वर्ग के लिए गर्व का विषय है कि एक सामान्य व्यक्ति आज संसद के अप्पर हाउस में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मुद्रा योजना के 50 प्रतिशत लाभार्थी एससी समुदाय के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि “मुद्रा योजना“ में देशभर में 50 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। यह आंकड़ा अपने आप में भाजपा सरकार की अनुसूचित जाति समाज के लिए प्रतिबद्धता दर्शाता है। उन्होंने बताया कि जहां तक राजनीतिक प्रतिनिधित्व का सवाल है, मोदी मंत्रिमंडल में 12 कैबिनेट मंत्री दलित समाज से संबंध रखते है यह आंकड़ा आज तक के राजनीतिक इतिहास में केंद्रीय मंत्रिमंडल में सर्वाधिक है।
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